सॉफ्टवेयर क्‍या है ? सॉफ्टवेयर के विभिन्‍न प्रकार | With 120 MCQ

सॉफ्टवेयर क्‍या है ? | Software Kya Hai In Hindi

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सॉफ्टवेयर किसे कहते है | Software Kise Kahate Hain

हेलो दोस्‍तों,

Studyfundaaa द्वारा आप सभी को प्रतिदिन प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित जानकारी Share की जाती है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रत्‍येक Competitive Exams में कम्‍प्‍यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. आज इस पोस्ट में हम आपके समक्ष जो जानकारी Share कर रहे हैं वह सॉफ्टवेयर क्‍या है | Software Kya Hai In Hindi की है. यह पोस्ट विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

सॉफ्टवेयर क्या है सॉफ्टवेयर के प्रकार | Software Kya hai Iske Prakar Bataiye

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सॉफ्टवेयर क्या है | What Is Software

एक कम्प्यूटर सिस्टम अनेक इकाइयों का एक समूह होता है, जो एक या अनेक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु बनाया जाता है। उदाहरणार्थ- प्रयागशाला भी एक सिस्टम है, जिसका लक्ष्य विविध प्रकार के शोध करना है तथा जिसकी अनेक इकाइयाँ, वैज्ञानिक शोधार्थी और वैज्ञानिक उपकरण इत्यादि हैं। इस प्रकार कम्प्यूटर भी एक सिस्टम है, जिसका लक्ष्य विविध प्रकार के कार्य करना है तथा जिसकी इकाइयाँ हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर हैं। (computer software in hindi)

किसी भी कम्प्यूटर सिस्टम का प्रत्येक भाग या तो हार्डवेयर है या सॉफ्टवेयर है। कम्प्यूटर के भौतिक (Physical)बनावट (छू कर महसूस करने योग्य भाग) को हार्डवेयर कहते हैं। हार्डवेयर के अन्तर्गत डाटा इनपुट के लिए प्रयुक्त कम्प्यूटर तथा उससे जुड़े सभी साधन हैं। प्रिन्टर, की-बोर्ड और मॉडम जैसी बाहरी डिवाइसों को पेरिफेरल डिवाइसकहते हैं। (software kise kahate hain)

साफ्टवेयर (Software) - सॉफ्टवेयर, प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए निर्देशों अर्थात् प्रोग्रामों की वह श्रृंखला है, जो कम्प्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियन्त्रित करता है तथा कम्प्यूटर विभिन्न हार्डवेयरों के बीच समन्वय स्थापित करता है, ताकि किसी विशेष कार्य को पूरा किया जा सके। इसका प्राथमिक उद्देश्य डेटा को सूचना में परिवर्तित करना है। सॉफ्टवेयर हार्डवेयर को यह बताना है कि उसे क्या करना है, कब करना है और कैसे करना है। अगर हार्डवेयर इंजन है तो सॉफ्टवेयर उसका ईंधन। सॉफ्टवेयर के निर्देशों के अनुसार ही हार्डवेयर कार्य करता है। इसे प्रोग्रामों का समूहभी कहते हैं। (software ki paribhasha)

दूसरे शब्दों में, ‘‘कम्प्यूटरों में सैकड़ो की संख्या में प्रोग्राम होते हैं, जो अलग-अलग कार्यों के लिए लिखे या बनाए जाते हैं। इन सभी प्रोग्रामों के समूह को सम्मिलित रूप से सॉफ्टवेयरकहा जाता है।‘‘

सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of Software)

सॉफ्टवेयर को मुख्यतः तीन भागों में बांटा जा सकता है-

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर

2. एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर

3 यूटीलिटी सॉफ्टवेयर

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) - प्रोग्रामों का समूह जो कम्प्यूटर सिस्टम के मूलभूत कार्यों को संपन्न करने तथा उन्हें कार्य के लायक बनाए रखने के लिए तैयार किए जाते हैं, सिस्टम सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। यह कम्प्यूटर तथा उपयोगकर्ता के बची मध्यस्थ का कार्य करता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर के बिना कम्प्यूटर एक बेजान मशीन भर ही रह जाता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर (system software in hindi) एक तरफ तो कम्प्यूटर हार्डवेयर से जुड़ा होता है तो दूसरी तरफ एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर से। सिस्टम सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के लिए पृष्ठभूमि तैयार करता है। कोई भी एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर सिस्टम सॉफ्टवेयर को ध्यान में रखकर ही तैयार किया जाता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर में वे प्रोग्राम शामिल होते हैं, जो कम्प्यूटर सिस्टम को नियन्त्रित (Control) करते हैं और उसके विभिन्न भागों के बीच उचित तालमेल बनाकर कार्य कराते हैं। डॉस (DOS), विन्डोज (Windows), यूनिक्स (Unix), मैसिन्टास (Macintosh)आदि सिस्टम सॉफ्टवेयर के उदाहरण है। (system software kya hai)

सिस्टम सॉफ्टवेयर को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है -

1. आपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर

2. भाषा अनुवादक सॉफ्टवेयर

1. आपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर (Operating System) - इसमें वे प्रोग्राम शामिल होते हैं जो कम्प्यूटर के विभिन्न अवयवों के कार्यों को नियन्त्रित करते हैं, उनमें समन्वय स्थापित करते हैं तथा उन्हें प्रबन्धित (Manage) करते हैं। इसका प्रमुख कार्य उपयोगकर्ता (User) तथा हार्डवेयर के मध्य एक समन्वय स्थापित करना है। (operating system software kya hai)

ऑपरेटिंग सिस्टम कुछ विशेष प्रोग्रामों का ऐसा व्यवस्थित समूह है, जो किसी कम्प्यूटर के सम्पूर्ण क्रियाकलापों को नियन्त्रित रखता है। यह कम्प्यूटर के साधनों के उपयोग पर नजर रखने और उन्हें व्यवस्थित करने में हमारी सहायता करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम आवश्यक होने पर अन्य प्रोग्रामों को चालू करता है, विशेष सेवाएँ देने वाले प्रोग्रामों का मशीनी भाषा में अनुवाद करता है और उपयोगकर्ताओं की इच्छा के अनुसार आउटपुट निकालने के लिए डाटा का प्रबन्धन करता है। वास्तव में यह प्रोग्रामों को कार्य करने के लिए एक आधार उपलब्ध कराता है। (operating system software in hindi)

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ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार (Types of Operating System)

(a) मल्टी प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi Programming Operating System) - ऐसे सिस्टम में ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा एक से अधिक प्रोग्राम या कार्य एक ही साथ कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, किसी एक प्रोग्राम के क्रियान्वयन के बाद जब उसका प्रिंट लिया जा रहा होता है तो प्रोसेसर खाली बैठने के स्थान पर दूसरे प्रोग्राम का क्रियान्वयन आरंभ कर देता है जिसमें प्रिंटर की आवश्यकता नहीं होती। इससे क्रियान्वयन में लगने वाला कुल समय कम हो जाता है तथा संसाधनों को बेहतर उपयोग भी संभव हो पाता है। मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम में प्रोसेसर कई प्रोग्रामों को एक साथ क्रियान्वित नहीं करता, बल्कि एक समय में एक ही निर्देश को संपादित करता है। एक निर्देश संपादित होने के बाद ही मेन मेमोरी में स्थित दूसरे कार्य के निर्देश को संपादित किया जाता है। (multiprogramming operating system kya hai)

(b) बैच प्रोसेसिंग आपेरिटंग सिस्टम (Multi Programming Operating System) - इस सिस्टम में काम समूह में होता है। अर्थात् ऑपरेटिंग सिस्टम जब सारे कार्य समूह में उपयोगकर्ता (User) के हस्तक्षेप के बिना प्राथमिकता के आधार पर करता है तो उस सिस्टम को बैच प्रोसेसिंग सिस्टम कहते है। इस सिस्टम का लाभ यह है कि प्रोग्राम के क्रियान्वयन के लिए कम्प्यूटर के सभी संसाधन उपलब्ध रहते हैं, अतः समय प्रबंधन की आवश्यकता नहीं पड़ती। पंरतु, इसमें उपयोगर्ता तथा प्रोग्राम के बीच क्रियान्वन के दौरान कोई अंतर्संबंध नहीं रहता तथा परिणाम प्राप्त करने में समय अधिक लगता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग पैराल (Payroll) बनाना, बिलिंग (Billing),  सांख्यिकीय विश्लेषण आदि में किया जाता है। (batch processing operating system kya hai)

(c) टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Time Sharing Operating System) - इसमें यूजर को एक ही संसाधन का साझा उपयोग करना होता है। इसमें प्रत्येक प्रोग्राम को सीपीयू (CPU) का बराबर समय मिलता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक साथ उपयोगर्ता जिन्हें टर्मिनल (Terminal) भी कहते हैं; इंटरएक्टिव मोड में कार्य करते हैं जिसमें प्रोग्राम के क्रियान्वयन के बाद प्राप्त परिणाम को तुरंत दर्शाया जाता है प्रत्येक उपयोगकर्ता को संसाधनों के साझा उपयोग के लिए कुछ समय दिया जाता है जिसे 'टाइम स्लाइस' (Time Slice) या क्वांटम कहते हैं। इनपुट देने और आउटपुट प्राप्त करने के बीच के समय को टर्न अरांउड (Turn Around Time) कहा जाता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में मेमारी का सही प्रबंधन आवश्यक होता है क्योंकि कई प्रोग्राम एक साथ मुख्य मेमोरी में उपस्थित होते हैं। इस व्यवस्था में पूरे प्रोग्रामों को मुख्य मेमोरी में न रखकर प्रोग्राम क्रियान्वयन के लिए आवश्यक हिस्सा ही मुख्य मेमोरी में लाया जाता है। इस प्रक्रिया को स्वैपिंग (Swapping) कहते हैं। (time sharing operating system kya hai)

(d) एकल यूजर मल्टी टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Single User Multi Tasking Operating System) - इस प्रकार के सिस्टम में प्रोसेसर द्वारा एक साथ कई कार्य संपादित किए जाते हैं। इसमें प्रोसेसर अपना कुछ समय सभी चालू प्रोग्राम को देता है तथा सभी प्रोग्राम साथ-साथ संपादित होते हैं। इसमें अलग-अलग कार्यों की प्रगति का विवरण भी स्क्रीन पर देखा जा सकता है। यह 'टाइम शेयरिंग' सॉफ्टवेयर का ही एक प्रकार है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज (Microsoft Windows) सिंगल यूजर मल्टी टांस्किग सॉफ्टवेयर का उदाहरण है। (single user multi task operating system kya hai)

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(e) रीयल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (Real Time Operating System) - इस ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी भी दिए गए कार्य को पूरा करने के लिए एक निर्धारित समय सीमा (Deadline) में परिणाम देने को महत्व दिया जाता है इसमें एक प्रोग्राम के परिणाम का दूसरे प्रोग्राम में इनपुट के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। पहले प्रोग्राम के क्रियान्वयन में देरी से दूसरे प्रोग्राम का क्रियान्वयन और परिणाम रूक सकता है। अतः इस व्यवस्था में प्रोग्राम के क्रियान्वयन समय (Response time) को तीव्र रखा जाता है। इस ऑपरेटिंग  सिस्टम का उपयोग मशीनरी, वैज्ञानिक और औद्योगिक उपकरणों को नियंत्रित करने, हवाई जहाज के नियंत्रण, परमाणु भट्टियों, रक्षा, चिकित्सा, रेलवे आरक्षण आदि में किया जाता है। लिनक्स (Linux) ऑपरेटिंग सिस्टम रीयल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक उदाहरण है। (real time operating system kya hai in hindi)

(f) मल्टी प्रोसेसिंग सिस्टम (Multi Processing System) - इस सिस्टम में एक ही कम्प्यूटर सिस्टम में दो या अधिक सीपीयू (CPU) का उपयोग होता है। इससे कार्य संपादित करने की गति में वृद्धि होती है। इसमें एक साथ दो अलग-अलग प्रोग्राम या एक ही प्रोग्राम के भाग क्रियान्वित किया जा सकता है। इसे 'पैरेलल प्रोसेसिंग' (Parallel Processing system) भी कहा जाता है। (multi processing operating system kya hai)

(g) मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi User Operating System) - मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम एक समय में एक से अधिक उपयोगकर्ता को कार्य करने की अनुमति देता है। ये ऑपरेटिंग सिस्टम सभी उपयोगकर्ता के मध्य सन्तुलन बनाकर रखता है। प्रत्येक प्रोग्राम की संसाधन संबंधी जरूरत को पूरा करता है। साथ-ही-साथ ये इस बात की भी निगरानी करता है कि किसी एक उपयोगकर्ता के साथ होने वाली समस्या दूसरे उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव न डालें। इस ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग नेटवर्क से जुड़े कम्प्यूटर सिस्टम में किया जाता है। इसमें कई उपयोगकर्ता एक ही समय में कम्प्यूटर पर स्थित एक ही डाटा का उपयोग तथा उसका प्रोसेस कर सकते हैं। यूनिक्स (Unix), लीनेक्स (Linux), विडोंज-7 (Window-7) आदि मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण हैं। (multi user operating system kya hai)

(h) एकल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Single User Operating System) - इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम एक यूजर को प्रभावी रूप से एक समय में एक ही काम करने की अनुमति देता है। पर्सनल कम्प्यूटर के विकास के साथ एकल ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता महसूस की गई जिसमें प्रोग्राम क्रियान्वयन की समय सीमा व संसाधनों के बेहतर उपयोग को वरीयता न देकर प्रोग्राम की सरलता तथा उपयोगकर्ता को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने पर जोर दिया गया। एमएस डॉस (MS DOS- Microsoft Disk Operating System) एकल ऑपरेटिंग सिस्टम का उदाहरण है। (single user operating system kya hai)

(i) ओपन/क्लोज्ड सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम (Open/Closed Operating System) - ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम में सॉफ्टवेयर का केरनेल (Kernel) या सोर्स कोड (Source Code) सबके लिए उपलब्ध होता है और कोई भी अपनी आवश्यकतानुसार इसमें परिवर्तन कर उसका उपयोग कर सकता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर किसी का अधिकार नहीं होता और न ही उपयोगकर्ता द्वारा कोई शुल्क चुकाना पड़ता है। क्लोज्ड सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम में उसका सोर्स कोड गुप्त रखा जाता है तथा उपयोगकर्ता निर्धारित शुल्क चुकाकर ही इस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकता है। लिनक्स (Linux) एक ओपेन सार्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जबकि विंडोज (Windows) माइक्रोसॉफ्ट कम्‍पनी का क्लोज्ड सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है। (open source operating system kya hai)

(j) इम्बेडेड ऑपरेटिंग सिस्टम (Embedded Operating System) - किसी उपकरण के भीतर स्थित प्रोसेसर के प्रयोग के लिए बना ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर 'इम्बेडेड ऑपरेटिंग सिस्टम' कहलाता है। यह सॉफ्टवेयर प्रोसेसर की भीतर ही रॉम (ROM) में स्टोर किया जाता है। वांशिग मशीन, माइक्रोवेव, इलेक्ट्रानिक घड़ी, डीवीडी प्लेयर आदि में इसका प्रयोग किया जाता है। (embedded operating system kya hai)

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कुछ महत्वपूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम (Some Important Operating System)

(a) एम एस डॉस (MS DOS- Microsoft Disk Operating System) - व्यापक रूप से पर्सनल कम्प्यूटर में स्थापित (Installed) माइक्रोसॉफ्ट का प्रथम ऑपरेटिंग सिस्टम था। यह 1981 में माइक्रोसॉफ्ट व आईबीएम द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया एकल ऑपरेटिंग सिस्टम (Single User Operating System) है। यह कमाण्ड प्राम्प्ट पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है। चूंकि इसमें कमांड को कम्प्यूटर पर टाइप करना पड़ता है, अतः उपयोगकर्ता को कमांड तथा उसका सिंटेक्स (Syntax) याद रखना पड़ता है इसके प्राम्प्ट में चालू डिस्क का नाम, स्लैश (Slash) तथा खुले हुए डायरेक्टरी का नाम रहता है। एमएस डॉस एक 16 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम है। वर्तमान में इस ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रचलन कम हो गया है क्योंकि इसमें चित्र और ग्राफ नहीं बनाये जा सकते। इस लिए इसके कमाण्ड (Command) को याद रखना पड़ता है। (ms dos operating system kya hai)

(b) माइक्रोसॉफ्ट विंडोज (Microsoft Windows) - यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसमें एम एस डॉस की कमियों को ध्यान में रखा गया तथा इसे यूजर फ्रेंडली (User Friendly) बनाया गया। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) पर आधारित होने कारण इसे सीखना और इस पर कार्य करना आसान होता है इसमें चित्र, ग्राफ तथा अक्षर के कार्य भी आसानी के साथ किये जा सकते है। यह मल्टी टासि्ंकग एकल ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi Tasking Single User) है। इसमें एक साथ कई कार्यक्रमों को चलाया और उस पर कार्य किया जा सकता है। इसके अन्य संस्करण विंडोज-95, विंडोज-98, विंडोज एक्सपी, विंडोज विस्टा, विंडोज-7, विंडोज-10 आदि बाजार में उपलब्ध हैं। इसमें कार्य करना अत्यन्त सरल है। (ms windows operating system kya hai)

(c) यूनिक्स (Unix) - यूनिक्स एक मल्टी टास्किंग व मल्टी उपयोगकर्ता ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे वर्ष 1969 में विकसित किया गया। इसे वर्ष 1973 में सी (C) भाषा में लिखा गया। किन्तु प्रारम्भ में इसे असेम्बली भाषा में लिखा गया था इसे वर्ष 1969 में AT&T Bell प्रयोगशाला में केन थाम्पसन तथा डेनिस रीची द्वारा विकसित किया गया था। इसका पूरा नाम यूनिप्लेकस इन्फॉर्मेशन कम्प्यूटर सिस्टमहै। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को सर्वर तथा वर्क-स्टेशन दोनों में प्रयोग किया जा सकता है। इसमें डेटा प्रबन्धन का कार्य कर्नल (Kernel) द्वारा होता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के इंस्टॉल (Install) व सेटअप करना कठिन होता है, किन्तु इस ऑपरेटिंग सिस्टम के इंस्टॉल होने पर कम्प्यूटर की क्षमता (Performance) बहुत बढ़ जाती है। (unix operating system kya hai)

(d) लिनक्स (Linux) - लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर्सनल कम्प्यूटर के लिए बनाया गया मल्टीयूजर, मल्टीटास्किंग तथा मल्टी प्रोसेसिंग साफ्टवेयर है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम वर्ष 1991 में लिनस टोरावाल्ड्स (Linus Torvalds) द्वारा विकसित किया गया था। यह यूनिक्स की तरह कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम है जो लिनक्स करनल (Linux Kernel) पर आधारित है। यह मुफ्त में उपलब्ध ओपेन सोर्स (Open Source) ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका उपयोग मुख्यतः सर्वर में ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए होता है। लिनक्स एक 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम है। लिनक्स का पहचान चिन्ह (Mascot) टक्स नामक पेंगुइन (Tux-the penguin) है। (linux operating system kya hai)

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2. भाषा अनुवादक सॉफ्टवेयर (Language Translator Software) - कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रानिक मशीन है जो केवल बाइनरी अंकों (0 तथा 1 या ऑफ तथा ऑन) को समझ सकता है। बाइनरी अंकों में लिखे निर्देश या साफ्टवेयर प्रोग्राम को मशीन भाषा (Machine Language)  कहा जाता है। कम्प्यूटर मशीन भाषा में लिखे प्रोग्राम को समझ का क्रियान्वित (run) कर सकता है। परंतु मशीन भाषा में प्रोग्राम या साफ्टवेयर तैयार करना कठिन काम होता है। साथ ही, प्रत्येक कम्प्यूटर प्रोसेसर की अपनी एक अलग मशीन भाषा होती है जो प्रोसेसर बनाने वाली कम्पनी पर निर्भर करती है। इससे बचने के लिए साफ्टवेयर प्रोग्राम को उच्च स्तरीय भाषा में तैयार किया जाता है तथा इसे लैंग्वेज ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर द्वारा मशीन भाषा में बदला जाता है। लैंग्वेज ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर को लैंग्वेज प्रोसेसर (Language Processor) भी कहते हैं। (language translator software kya hai)

उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language) आम बोलचाल की भाषा के करीब होती है। अतः इस भाषा में प्रोग्राम तैयार करना अपेक्षाकृत आसान होता है। साथ ही उच्च स्तरीय भाषा प्रोसेसर की कम्पनी तथा उसके मॉडल पर निर्भर नहीं करती। उच्च स्तरीय भाषा में तैयार प्रोग्राम को लैग्वेज ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर द्वारा मशीन भाषा में परिवर्तित कर किसी भी कम्प्यूटर पर चलाया जा सकता है। उच्च स्तरीय भाषा में तैयार किया गया प्रोग्राम सोर्स प्रोग्राम (Source Program) या सोर्स कोर्ड (Source Code) कहलाता है। जबकि ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर द्वारा मशीन भाषा में परिवर्तित प्रोग्राम (Object Program) या मशीन कोड (Machine Code) कहलाता है। सामान्यतः ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर निम्न स्तरीय भाषा (LLL- Low Level Language)में लिखा जाता है जबकि एप्‍लीकेशन या यूटिलिटी सॉफ्टवेयर उच्च स्तरीय भाषा (HLL- High Level Language) में तैयार किया जाता है। (language translator kya hai)

भाषा अनुवादक सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं-

(a) असेम्बलर (Assembler)

(b) कम्पाइलर (Compiler)

(c) इंटरप्रेटर (Interpreter)

(a) असेम्बलर (Assembler) - यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जो असेम्बली भाषा (Assembly Language) में लिखे गए प्रोग्राम को पढ़ता है और उसका अनुवाद मशीनी भाषा में कर देता है। असेम्बली भाषा के प्रोग्राम को 'सोर्स प्रोग्राम' (Source Program) कहा जाता है। इसका मशीन भाषा में अनुवाद करने के बाद जो प्रोग्राम प्राप्त होता है, उसे 'ऑब्जेक्ट प्रोग्राम' (Object Program) कहा जाता है। असेम्बलर सॉफ्टवेयर असेम्बली भाषा में लिखे गये प्रोग्राम के सोर्स कोड को मशीन या ऑब्जेक्ट कोड में बदलता है। यह मशीन कोड को एक स्थान पर इकट्ठा (Assemble) करता है तथा उसे कम्प्यूटर मेमोरी में स्थापित कर क्रियान्वयन (run) के लिए तैयार करता है। (assembler kya hota hai)

(b) कम्पाइलर (Compiler) - कम्पाइलर एक प्रोग्राम है जो उच्च स्तरीय भाषा में लिखे गये प्रोग्राम या स्त्रोत (Source) कोड को मशीन भाषा या Object प्रोग्राम में रूपान्तरित करता है। यह पूरे प्रोग्राम को एक बार में पढ़ता है तथा सारी गलतियों को बताता है। गलतियाँ दूर होने पर प्रोग्राम को मशीन भाषा में रूपान्तरित कर देता है। प्रत्येक उच्च स्तरीय भाषा के लिए अलग कम्पाइलर की आवश्यकता होती है। कम्पाइलर पूरे सार्स प्रोग्राम या सोर्स कोड को ऑब्जेक्ट प्रोग्राम या कोड में बदलकर उसे मेमोरी में स्टोर करता है, परंतु उसे क्रियान्वित नहीं करता। इसके पश्चात, प्रोग्राम को ऑब्जेक्ट कोड द्वारा क्रियान्वित किया जाता है। इस तरह, एक बार कम्पाइल हो जाने के बाद प्रोग्राम को क्रियान्वित करने के लिए कम्पाइलर सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं होती। (compiler kya hota hai)

(c) इंटरप्रेटर (Interpreter) - कम्पाइलर की तरह इंटरप्रेटर भी एक भाषा अनुवादक सॉफ्टवेयर है जो उच्चस्तरीय भाषा में लिखे गये प्रोग्राम या स्त्रोत (Source) कोड को मशीन भाषा या Object प्रोग्राम में रूपान्तरित करता है। (interpreter kya hai)

इंटरप्रेटर उच्च स्तरीय भाषा में तैयार किए गए प्रोग्राम के प्रत्येक लाइन को एक-एक कर मशीन भाषा में रूपान्तरित करता है। यह प्रोग्राम के एक लाइन को मशीन भाषा में अनुवाद कर लेने के पश्चात उसे क्रियान्वित भी करता है। यदि इस लाइन के क्रियान्वयन में कोई गलती हो तो उसे उस समय इंगित कर संशोधन के बाद ही अगली लाइन को मशीन भाषा में रूपान्तरित करता है। स्पष्टतः, इंटरप्रेटर का आउटपुट ऑब्जेक्ट प्रोग्राम न होकर सॉफ्टवेयर क्रियान्वयन का परिणाम होता है। अतः प्रत्येक बार सॉफ्टवेयर को क्रियान्वयन के दौरान इंटरप्रेटर से होकर गुजरना पड़ता है। इस कारण, इंटरप्रेटर सॉफ्टवेयर का मेमोरी में बना रहना आवश्यक होता है। (interpreter kise kahate hain)

इस कम्पाइलर की अपेक्षा इंटरप्रेटर सॉफ्टवेयर तैयार करना आसान होता है। चूंकि इंटरप्रेटर एक-एक लाइन कर प्रोग्राम की गलतियों को इंगित करता है, अतः इंटरप्रेटर द्वारा प्रोग्राम में सुधार करना आसान होता है। (compiler or interpreter kya hai)


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2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) - एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उन प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारा वास्तविक कार्य कराने के लिए लिखे जाते हैं; जैसे- कार्यालय के कर्मचारियों के वेतन की गणना करना, सभी लेन-देन तथा खातों का हिसाब-किताब रखना, विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट छापना, स्टॉक की स्थिति का विवरण देना इत्यादि। कम्प्यूटर वास्तव में इन्हीं कार्यों के लिए खरीदे या बनाए जाते हैं। (application software kya hai)

ये कार्य हर कम्पनी या उपयोगकर्ता के लिए अलग-अलग प्रकार के होते हैं, इसलिए हमारी आवश्यकता के अनुसार इनके लिए प्रोग्राम हमारे द्वारा नियुक्त प्रोग्रामर द्वारा लिखे जाते हैं। हालाँकि आजकल ऐसे प्रोग्राम सामान्य तौर पर सबके लिए एक जैसे लिखे हुए भी आते हैं, जिन्हें 'रेडीमेड सॉफ्टवेयर' (Readymade Software) 'पैकेज' (Package) कहा जाता है, जैसे- एमएस-वर्ड, एमएस-एक्सल, टैली, कोरल ड्रॉ, पेजमेकर, फोटोशॉप आदि। (application software ke prakar)

सामान्यतः एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते है-

1. सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर

2. विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर

1. सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर (General Purpose Software) - प्रोग्रामों का वह समूह, जिन्हें उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार अपने सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग में लाते हैं, सामान्य उद्देश्य के सॉफ्टवेयर कहलाते हैं; ये सॉफ्टवेयर विशेष कार्यों से संबंधित होते हैं, परन्तु इनका उद्देश्य केवल सामान्य कार्य करने के लिए होता है। जिसके कारण ये सॉफ्टवेयर हर क्षेत्र, हर संस्था तथा कार्यालय में दैनिक रूप से उपयोग में लाए जाते हैं। (general purpose software kya hai)

सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण हैं-

(a) वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर (Word Processing Software) - यह सॉफ्टवेयर द्वारा टेक्स्ट (Text) दस्तावेज (पत्र, रिपोर्ट, पुस्तकें आदि) तैयार करने, उनमें संशोधन करने (Edit), उसके रूप और आकार में परिवर्तन करने (Format), व्याकरण या स्पेलिंग चेक करने, प्रिंट करने आदि के लिए प्रयोग होता है। (word processing in hindi)

इस सॉफ्टवेयर में बनाए गए डॉक्यूमेंट को बनाकर उन्हें भविष्य में उपयोग करने के लिए सुरक्षित (Save) कर दिया जाता है। तथा भविष्य में भी इन डॉक्यूमेंट में बदलाव किया जा सकता है। वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर, आज के समय में सर्वाधिक प्रयोग होने वाला सॉफ्टवेयर है। वर्ड स्टार (MS-Word), वर्ड पैड (Word Star), एम एस वर्ड (Word Pad), के-वर्ड, ओपेन राइटर आदि ये सभी वर्ड प्रोसेंसिंग सॉफ्टवेयर के उदाहरण है। (word processing software kya hai in hindi)

(b) इलेक्ट्रॉनिक स्प्रैडशीट्स (Electronic Spread Sheets) - इस सॉफ्टवेयर के द्वारा उपयोगकर्ता अपने डेटा को 'रो' तथा 'कॉलम' (Rows & Columns) के रूप में व्यवस्थित कर सकते हैं। ये रो और कॉलम सामुहिक रूप से स्प्रैडशीटकहलाते हैं। यह स्क्रीन पर संख्या को टेबल के रूप में प्रकट करने में सक्षम होता है, तथा उसकी गणना कर सकता है। उन संख्याओं को ग्राफ तथा चार्ट के रूप में भी व्यक्त कर सकते है। इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग मुख्यतः बैंकों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में लेजर (Ledger) बनाने में किया जाता है। एम एस एक्सेल (MS Excel), लोटस 123 (Lotus 123), के-स्प्रेड (K-Spread), ओपेन कैल्क, आदि ये सभी इलेक्ट्रॉनिक स्प्रैडशीट सॉफ्टवेयर के उदाहरण है। माइक्रोसॉफ्ट पावरपाइंट (MS Point), कोरेल प्रेजेंटेशन आदि प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर के उदाहरण है। (electronic spreadsheet kya hai)

(c) प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर (Presentation Software) - प्रेजेंटेशन का अर्थ है अपने विचार, संदेश तथा अन्य सूचना को एक ऐसे सरल रूप में किसी समूह (Group) के सामने प्रस्तुत करना, जिससे उस समुह को वह सूचना आसानी से समझ आ सके। प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर इसी उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाता है जो सूचना को स्लाइड के रूप में प्रदर्शित करता है। (presentation software kya hai)

(d) डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (Database Management System) - आर्गेनाइज्ड डेटा का ऐसा संग्रह जिसमें जरूरत पड़ने पर डेटा को एक्सेस (Access), रिट्रीव (Retrieve) तथा फॉर्मेट (Format) किया जा सके, डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम कहलाता है। इस सॉफ्टवेयर का कार्य डेटाबेस को क्रिएट, एक्सेस और मैनेज करना होता है। इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके डेटाबेस में डेटा को जोड़ा जा सकता है, सुधारा जा सकता है और डिलीट किया जा सकता है। साथ-ही-साथ डेटा को व्यवस्थित तथा रिट्रीव (Sort and Retrieve) भी किया जा सकता है। (database management system kya hai)

(e) डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर (Desktop Publishing Software) - इन सॉफ्टवेयर्स का प्रयोग ग्राफिक डिजाइनरों द्वारा किया जाता है। इन सॉफ्टवेयरों का प्रयोग डेस्कटॉप प्रिंटिंग तथा ऑन स्क्रीन इलेक्ट्रानिक पब्लिशिंग के लिए किया जाता है। कुछ लोकप्रिय डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर हैं- पेज मेकर, कोरल ड्रॉ, माइक्रोसॉफ्ट पब्लिशर आदि। (desktop publishing software kya hai)

(f) ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर (Graphics Software)  - इस सॉफ्टवेयर को डिजाइन, ग्राफ और चार्ट बनाने तथा संशोधन करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर में पड़ी तस्वीरों (Images) में बदलाव करने और उन्हें सुंदर बनाने की अनुमति देते हैं। इन सॉफ्टवेयरर्स के द्वारा तस्वीरों को रीटच, कलर एडजस्ट, एन्हैन्स, शैडो व ग्लो जैसे विशेष प्रभाव (Effects) दिए जा सकते हैं। ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर के अंतर्गत एडोब फोटोशॉप (Adobe Photoshop), पिज़ाप (Pizap) आदि आते है। (graphic software kya hai)

(g) एकाउंटिंग पैकेज (Accounting Package) - इस प्रोग्राम के उपयोग वित्तीय लेखांकन (Accounting), बैंक खातों, स्टॉक, आय और व्यय का लेखा-जोखा सरलता से करने के लिए किया जाता है। टैली (Tally) भारत में बना एक लोकप्रिय एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है। (accounting software kya hai)

(h) कैड सॉफ्टवेयर (CAD- Computer Aided Design Software) - इसमें कम्प्यूटर द्वारा इंजीरियरिंग और वैज्ञानिक डिजाइन तैयार करने, उसमें संशोधन करने तथा निर्माण की प्रक्रिया को समझने का कार्य किया जाता है। ऑटो कैड (Auto CAD), ऑटो डेस्क (Auto Desk) कैड सॉफ्टवेयर के उदाहरण है। (cad software kya hai)

(i) मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर (Multimedia Software) - टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो, इमेज़िस तथा एनीमेशन आदि के संयोजन को मल्टीमीडियाकहते हैं। वे सॉफ्टवेयर जो ये सारी सुविधा प्रदान करते हैं। मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। (multimedia software kya hai)

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2. विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर (Specific Purpose Software) - यह उपयोगकर्ता की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। किसी और के लिए इसकी उपयोगिता नहीं होती है। जैसे- मौसम विज्ञान, वायुयान नियंत्रण, टिकट आरक्षण आदि के लिए विशेष उद्देशीय सॉफ्टवेयर उपयोग होता है। (specific purpose software kya hai)

विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण हैं-

(a) पैरोल मैनेजमेंट सिस्टम (Payroll Management System) - आधुनिक समय में लगभग प्रत्येक संस्थान के द्वरा अपने कर्मचारियों के वेतन तथा अन्य भत्तों का हिसाब रखने के लिए इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर कर्मचारियों के वेतन, भत्ते इत्यादि का हिसाब-किताब रखता है। (payroll management system kya hai)

(b) रिजर्वेशन सिस्टम (Reservation System) - रिजर्वेशन सिस्टम या सेंट्रल रिजर्वेशन सिस्टम एक ऐसा कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम है, जिसके प्रयोग से उपयोगकर्ता ट्रेन या वायु यातायात के बारे में विभिन्न जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त इस सॉफ्टवेयर के द्वारा ट्रेन या हवाई जहाज आदि में उपलब्ध सीटों, बर्थों या टिकटों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। (reservation system kya hai)

(c) रिपोर्ट कार्ड जरनेटर (Report Card Generator) - इस प्रकार के सॉफ्टवेयर्स का प्रयोग विभिन्न स्कूलों या कॉलेजों के परीक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों के परीक्षाफल तैयार करने में किया जाता है। ये सॉफ्टवेयर विभिन्न गणितीय गणनाएँ करता है और जाँच करता है, कि विद्यार्थी अपनी कक्षा की परीक्षा में पास हुआ या फेल। (report card generator kya hai)

(d) होटल मैनेजमेंट सिस्टम (Hotel Management System) - होटलों के विभिन्न कार्यों को व्यवस्थित करना ही 'होटल मैनेजमेंट' कहलाता है। इसके अन्तर्गत मार्केटिंग, हाउसकीपिंग, बिलिंग, एडमिनिस्ट्रेशन जैसे कार्य आते है। (hotel management system kya hai)

3. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software) - ये प्रोग्राम कम्प्यूटर के रख-रखाव से संबंधित कार्य करते हैं। ये प्रोग्राम कम्प्यूटर के कार्यों को सरल बनाने, उसे अशुद्धियों से दूर रखने तथा सिस्टम के विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए बनाए जाते हैं। यूटिलिटी प्रोग्राम कई ऐसे कार्य करते हैं, जो कम्प्यूटर का उपयोग करते समय हमें कराने पड़ते हैं। उदाहरण के लिए, कोई यूटिलिटी प्रोग्राम हमारी फाइलों का बैकअप किसी बाहरी भण्डारण साधन पर लेने का कार्य कर सकता है। ये सिस्टम सॉफ्टवेयर के अनिवार्य भाग नहीं होते, परन्तु सामान्यतः उसके साथ ही आते हैं और कम्प्यूटर के निर्माता द्वारा ही उपलब्ध कराए जाते हैं। (utility software kya hai)

कुछ यूटिलिटी सॉफ्टवेयर निम्न हैं-

(a) डिस्क फार्मेटिंग (Disk Formatting) - यह हार्डडिस्क या दूसरे भंडारण माध्यम को उपयोग करने के पहले ऑपरेटिंग सिस्टम के अनुकूल बनाने में सहायता करता है। इसमें स्टोरेज डिवाइस के सभी सेक्टर की जांच की जाती है, खराब सेक्टर की पहचान की जाती है तथा डिस्क का address table तैयार किया जाता है फॉरमेटिंग द्वारा डिस्क दो या अधिक भागों में बांटा जा सकता है। जिसे डिस्क पार्टीशन (Disk Partition) कहा जाता है। फॉरमेटिंग के दौरान डिस्क पर पहले से मौजूद डाटा को मिटाया नहीं जाता। (disk formatting kya hai)

(b) डिस्क क्लिनर (Disk Cleaner) - यह उपयोगकर्ता को हार्ड डिस्क भर जाने पर अनावश्यक प्रोग्राम को हटाने का निर्णय लेने में मदद करता है जिससे कारण कम्प्यूटर की मेमोरी की क्षमता में वृद्धि होती है। डिस्क क्लिनर उन फाइलों को ढूँढकर डिलीट (Delete) करता है, जिनका बहुत समय से उपयोग नहीं हुआ है। इस प्रकार ये कम्प्यूटर की गति को भी तेज करता है। (disk cleanup kya hai)

(c) डिस्क फ्रैगमेंटेशन (Disk Fragmentation) - जब किसी फाइल को डिस्क पर स्टोर किया जाता है तो कम्प्यूटर सबसे पहले प्राप्त होने वाली खाली जगह पर उसे स्टोर कर देता है। इस प्रकार, बार-बार उपयोग से डिस्क विभिन्न टुकड़ों में बंट जाता है और पढ़ने की गति धीमी हो जाती है। इसे ठीक करने के लिए डिस्क डी-फ्रैगमेंटेशन ; (Disk Defragmentation) प्रोग्राम चलाया जाता है जो सभी फाइलों को पुनः व्यवस्थित करता है। इससे डिस्क की गति तीव्र होती है। यह स्टोर किए गए विभिन्न फाइलों के बीच स्थित खाली स्थान को व्यवस्थित कर मेमोरी प्रबंधन को बेहतर बनाता है। (disk formatting kya hai)

(d) डिस्क कम्प्रेशन (Disk Compression) - ये हार्ड डिस्क पर उपस्थित सूचना पर दबाव डालकर उसे संकुचित (Compressed) कर देता है, ताकि हार्ड डिस्क पर अधिक से अधिक सूचना स्टोर की जा सके। स्टोरेज की थोड़ी सी जगह में बहुत सी फाइलें को स्टोर करने के लिए फाइल कम्प्रेशनका प्रयोग किया जाता है। यह यूटिलिटी स्वयं अपना कार्य करती रहती है तथा जरूरी नहीं कि उपयोगकर्ता को इसकी उपस्थिति की जानकारी हो। (disk compression kya hai)

(e) बैकअप प्रोग्राम (Backup Program) - यह सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर में स्टोर सारे सूचनाओं को कॉपी करके इच्छित जगह पर रखता है जिससे मेमोरी में कोई क्षति होने पर सारी सूचनाओं को फिर से संग्रहित (Restore) किया जा सके। कम्प्यूटर में लगे मेमोरी डिस्क के क्षतिग्रस्त हो जाने पर डाटा नष्ट होने का डर बना रहता है बैकअप प्रोग्राम की सहायता से क्षतिग्रस्त डाटा को पुनः प्राप्त किया जा सकता है। (backup program kya hai)

(f) एंटी वायरस स्कैनर्स एंड रीमूवर्स (Anti-virus Scanners and Removers) - ये ऐसे यूटिलिटी प्रोग्राम है, जिनका प्रयोग कम्प्यूटर के वायरस ढूँढने और उन्हें डिलीट करने में होता है। वायरस कम्प्यूटर के फाइल और फोल्डरों में प्रवेश कर उन फाइलों, फोल्डरों को नष्ट व नुकसान पहुंचाता है अतः उस वायरस को निष्क्रिय करने के लिए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। (virus scanner kya hai in hindi)

(g) फाइल मैनेजर (File Manager) - एक स्थान पर रखे गए सूचनाओं तथा डाटा का संग्रह कम्प्यूटर सिस्टम में फाइल कहलाता है। कम्प्यूटर मेमोरी में किसी भी सूचना को फाइल में ही स्टोर किया जा सकता है। एक या अधिक फाइलों को एक स्थान पर एक फोल्डर में स्टोर किया जा सकता है। फाइल तथा फोल्डर के प्रबंधन के लिए निर्मित सॉफ्टवेयर फाइल मैनेजरकहलाता है। (file manager kya hai)

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कम्प्यूटर में उपयोग आने वाले अन्य सॉफ्टवेयर

1. पब्लिक डोमेन सॉफ्टवेयर (Public Domain Software) - ऐसे सॉफ्टवेयर जो उपयोग के लिए मुफ्ट में उपलब्ध होते हैं, पब्लिक डोमेन सॉफ्टवेयर कहलाते हैं। इन्हें शेयरवेयर (Shareware)या फ्रीवेयर (Freeware) भी कहा जाता है। इन्हें इंटरनेट से मुफ्त में प्राप्त किया जा सकता है। पब्लिक डोमेन सॉफ्टवेयर का अधिकार किसी व्यक्ति या संस्था के पास नहीं होता। उपयोगकर्ता इसके सोर्स कोड तथा उसके प्रयोग में बदलाव भी कर सकता है। (public domain software kya hai)

2. सॉफ्टवेयर पैकेज (Software Package) - किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाये गये अनेक सॉफ्टवेयर का समूह जिसे उपभोक्ता को एक साथ प्रयोग के लिए उपलब्ध कराया जाता है, सॉफ्टवेयर पैकेज कहलाता है। हम सॉफ्टवेयर पैकेज के किसी सॉफ्टवेयर का अलग से या अकेले उपयोग नहीं कर सकते। एम एस ऑफिस (MS Office) माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा कार्यालय के प्रयोग के लिए बनाया गया सॉफ्टवेयर पैकेज है। (software package kya hota hai)

3. फ्रीवेयर (Free Ware) - ऐसा सॉफ्टवेयर जो बिना कोई शुल्क चुकाये व्यक्तिगत उपयोग के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है, फ्रीवयेर कहलाता है। फ्रीवेयर इंटरनेट पर भी मुफ्त में उपलब्ध होता है। परंतु फ्रीवेयर सॉफ्टवेयर का संपूर्ण अधिकार निर्माता के पास ही रहता है। उपयोगकर्ता को इसके सोर्स कोड में परिवर्तन का अधिकार नहीं होता और न ही इसे बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। (freeware kya hai)

4. रिटेल सॉफ्टवेयर (Retail Software) - ऐसा सॉफ्टवेयर जो बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होता है, तथा जिसे उचित शुल्क चुकाकर प्रयोग में लाया जा सकता है, रिटेल सॉफ्टवेयर कहलाता है। रिटेल सॉफ्टवेयर के साथ यूजर मैनुअल तथा प्रयोग के दिशा निर्देश भी दिए जाते हैं। इसे Over the Counter Software भी कहते हैं। Microsoft Windows, Microsoft Office, Tally आदि रिटेल सॉफ्टवेयर के उदाहरण हैं। (retail software kya hai)

5. शेयर वेयर (Share Ware) - ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जिसे बिना कोई शुल्क चुकाये एक निश्चित समय के लिए प्रयोग किया जा सकता है, शेयर वेयर कहलाता है। शेयर वेयर इंटरनेट पर भी मुफ्त में उपलब्ध होते हैं। लेकिन ट्रॉयल अवधि के समाप्त होने के बाद इसका प्रयोग जारी रखने के लिए निर्धारित शुल्क चुकाना पड़ता है। (shareware software kya hai)

6. ग्रुप वेयर (Group Ware) - यह एक सॉफ्टवेयर है जिसे समान उद्देश्य में लगे व्यक्तियों की सुविधा को ध्यान में रखकर विकसित किया जाता है। इस कारण इसे Collaborative Software या Group Support System भी कहते हैं। ग्रुप वेयर के कुछ उदाहरण- ऑनलाइन चैट (Online Chat), ई-मेल (E-Mail), वॉइस मेल (Voice Mail), न्यूज ग्रुप (News Group), वीडियो कॉन्फ्रेसिंग (Video Conferencing). (group ware software kya hai)

7. फर्मवेयर (Firmware) - फर्मवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जिसका प्रयोग हार्डवेयर की जगह किया जाता है। यह हार्डवेयर की बचत करता है तथा उसके मूल्‍य में कमी लाता है। फर्मवेयर को स्थायी इलेक्ट्रानिक मेमोरी में स्टोर किया जाता है। रोम, प्रो-रॉम, ई-प्रॉम (ROM, PROM या EPROM) मेमोरी में डाला गया सॉफ्टवेयर निर्देश फर्मवेयर का उदाहरण है। यदि कम्प्यूटर में गुणा करने के लिए अलग हार्डवेयर का बजाय जोड़ के लिए बनाए गए हार्डवेयर को बार-बार जोड़ने का निर्देश (सॉफ्टवेयर) देकर गुणा का कार्य लिया जाता है, तो यह फर्मवेयर का उदाहरण है। (firmware software kya hai)

8. डेमो सॉफ्टवेयर (Demo Software) - किसी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी द्वारा नया सॉफ्टवेयर जारी करने से पूर्व प्रचार के दौरान उस सॉफ्टवेयर को मुफ्त में उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जाता है, जिसे डेमो सॉफ्टवेयर कहा जाता है। एक निश्चित अवधि के बाद उस सॉफ्टवेयर का उपयोग जारी रखने के लिए उस सॉफ्टवेयर का पूर्ण संस्करण कंपनी को निर्धारित मूल्य चुकाकर प्राप्त किया जा सकता है। (demo software kya hai)

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9. टेस्टिंग व डीबगिंग (Testing & Debugging) - कम्प्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर में पायी जाने वाली त्रुटियों को बग्स (Bugs) कहा जाता है। इन त्रुटियों (Errors) को ढूंढ़ने व उनमें सुधार करने की प्रक्रिया डीबगिंग (Debugging) कहलाती है। इस कार्य के लिए तैयार किए गए सॉफ्टवेयर को डीबगर (Debugger) कहा जाता है। त्रुटियों को छोटे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के सहारे ठीक किया जाता है जिसे पैच (Patch) कहा जाता है। (testing and debugging kya hai)

कम्प्यूटर प्रोग्राम लिखे जाने के बाद उसे क्रियान्वित कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि सॉफ्टवेयर अपने निर्धारित कार्य सही ढंग से पूरा कर रहा है। इस प्रक्रिया को टेस्टिंग (Testing) कहते हैं।

किसी भी प्रोग्राम में दो प्रकार की गलतियां पाई जाती हैं-

(a) लॉजिक की गलती (Logic Error) - सॉफ्टवेयर में लॉजिक एरर (Logic Error) प्रोग्राम क्रियान्वयन के दौरान उत्पन्न होने वाली सभी संभावनाओं पर विचार नहीं करने का परिणाम है। लॉजिक एरर के साथ भी प्रोग्राम काम करता है, पर किसी विशेष परिस्थिति में गलत परिणाम देने की संभावना बनी रहती है। लॉजिक एरर में किसी नियम का उल्लंघन नहीं होता, अतः इसकी पहचान करना कठिन होता है। लॉजिक एरर की पहचान कर उसे ठीक करना टेस्टिंग व डीबगिंग टीम का काम है। (logical error kya hai)

(b) सिंटैक्स की गलती (Syntax Error) - प्रत्येक प्रोग्रामिंग भाषा का अपना व्याकरण होता है जिसे सिंटेक्स रूल (Syntax Rule) कहा जाता है। प्रोग्रामिंग में व्याकरण की गलतियां Syntax error कहलाते हैं। लैंग्वेज ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर जैसे- कंपाइलर तथा इंटप्रेटर सिंटेक्स एरर को इंगित करते हैं तथा उनके ठीक होने पर ही प्रोग्राम क्रियान्वित हो सकता है। (syntax error kya hai in hindi)

10. बायोस (BIOS- Basic Input Output System) - यह एक सॉफ्टवेयर है जिसे मदरबोर्ड पर बने स्थायी रॉप चिप (Non Volatile ROM Chip) में रखा जाता है। इसमें उपयोगकर्ता द्वारा परिवर्तन नहीं किया जा सकता। जैसे ही कम्प्यूटर ऑन किया जाता है, बायोस पासवर्ड तथा हार्डवेयर की जांच करता है तथा ऑपरेटिंग सिस्टम चालू करता है। इस तरह, यह हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर के बीच संबंध स्थापित करता है। (bios kya hai)

11. पोस्ट (POST- Power On Self Test) - जैसे ही कम्प्यूटर ऑन किया जाता है, बायोस स्वतः ही कम्प्यूटर में लगे सभी उपकरणों, जैसे- मेमोरी, की-बोर्ड, माउस, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, वीडियो डिस्प्ले कार्ड तथा अन्य हार्ड वेयर की जांच करता है तथा उन्हें उपयोग के लायक बनाता है। इसे पोस्ट (Post) कहा जाता है। इस दौरान हार्डवेयर में कुछ गड़बड़ी पाये जाने पर उसे स्क्रीन पर प्रदर्शित भी किया जाता है। (post kise kahate hain)

12. बूटिंग (Booting) - कम्प्यूटर ऑन किए जाने पर बायोस स्वतः ही ऑपरेटिंग सिस्टम की पहचान कर उसे द्वितीयक मेमोरी से प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (रैम चिप) में डालता है तथा सॉफ्टवेयर को उपयोग के लायक बनाता है। इसे बूटिंग या बूट स्ट्रेप (Boot Strap) कहा जाता है। बुटिंग के समय कम्प्यूटर हार्डवेयर के संबंध में आवश्यक जानकारी भी मॉनीटर पर दिखाई जाती है। (booting kya hai)

13. केरनेल (Kernel) - यह किसी आपेरेटिंग सिस्टम का मूल बिंदू या आधारित संरचना वाला भाग है जो सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर के बीच संबंध स्थापित करता है तथा उपकरणों का प्रबंधन सुनिश्चित करता है। पूरा ऑपरेटिंग सिस्टम केरनेल पर आधारित होता है। इसे सॉफ्टवेयर का सोर्स कोड (Source Code) भी कहा जाता है। (kernel kya hai)

14. डिवाइस ड्राइवर (Device Driver) - कम्प्यूटर में किसी भी हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर द्वरा निर्देशित व नियंत्रित किया जाता है। किसी विशेष हार्डवेयर को निर्देशित व नियंत्रित करने तथा उपयोग के लायक बनाने के लिए प्रयुक्त सॉफ्टवेयर उस हार्डवेयर का 'डिवाइस ड्राइवर' कहलाता है। कम्प्यूटर के साथ बाहर से जोड़े जा सकने वाले किसी भी उपकरण जैसे- की-बोर्ड, माउस, प्रिंटर, स्कैनर, वेब कैमरा आदि का उपयोग करने के लिए कम्प्यूटर में उस उपकरण का डिवाइस ड्राइवर सॉफ्टवेयर डालना पड़ता है। एक ही उपकरण को अलग-अलग हार्डवेयर निर्माता कंपनी का डिवाइस ड्राइवर अलग-अलग हो सकता है। अतः डिवाइस ड्राइवर सॉफ्टवेयर निर्माता कम्पनी द्वारा हार्डवेयर उपकरण के साथ सीडी-रॉम में उपलब्ध कराया जाता है। (device driver kya hai in hindi)

आजकल विभिन्न हार्डवेयर कम्पनियों के अलग-अलग उपकरणों के डिवाइस ड्राइवर पहले से ही ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर में लोड कर दिया जाता है। इसक कारण, जब कोई नया हार्डवेयर डिवाइस कम्प्यूटर के साथ जोड़ा जाता है तो ऑपरेटिंग सिस्टम स्वयं उस उपकरण को संबंधित ड्राइवर सॉफ्टवेयर से जोड़ देता है। इस व्यवस्था को 'प्लग एंड प्ले डिवाइस' (Plug and Play Device) कहा जाता है। (device driver kise kahate hain)

15. यूजर इंटरफेस (User Interface) - कम्प्यूटर तथा उपयोगकर्ता के बीच अंतर्संबंध स्थापित करने की व्यवस्था 'यूजर इंटरफेस' कहलाता है। इसके जरिए उपयोगकर्ता कम्प्यूटर को आवश्यक निर्देश देता है तथा कम्प्यूटर उन निर्देशों का पालन कर परिणाम प्रदर्शित करता है। (user interface kya hai)

यूजर इंटरफेस दो प्रकार के हो सकते है-

(a) कमांड लाइन इंटरफेस (Command Line Interface) - इसमें कम्प्यूटर को लिखित कमांड टाइप कर निर्देश दिया जाता है अतः उपयोगकर्ता द्वारा विभिन्न कमांड याद रखने की जरूरत होती है। डॉस (DOS- Disc Operating System) कमांड लाइन इंटरफेस पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है। (command line interface kya hai)

(b) ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (Graphical User Interface) - ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) में कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा विभिन्न कमांड को लघु चित्र या प्रतीक चित्र के माध्यम से दर्शाया जाता है जिन्हें आइकन (Icon) कहते हैं। उपयोगकर्ता को विभिन्‍न कमांड याद रखने की जरूरत नहीं होती। उपयोगकर्ता कम्प्यूटर स्क्रीन पर ऑइकन (Icon),मेन्यू (Menu),विंडोज (Windows) के माध्यम से प्रदर्शित कमांड को की-बोर्ड या माउस द्वारा क्लिक कर उस कमांड को क्रियान्वित करवा सकता है। इस तरह, GUI कम्प्यूटर के उपयोग को आसान बनाता है। (graphical user interface kya hai)

सॉफ्टवेयर के 120 वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍न (Software 120 Mcq Questions)

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1. सॉफ्टवेयर का अर्थ है





2. एक ............ एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो सर्च इंजनों के लिए वेबसाइटों का पता लगाने और उन्हें अनुक्रमणित करने के लिए वेब यात्रा करता है।





3. उस हार्डवेयर के लिए प्रयुक्त सामान्य शब्द कौन सा है जो जरूरी नहीं कि कम्‍प्‍यूटर के मूल कार्य के लिए हो, बल्कि बाहर से जुड़ा हो ?





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4. निम्न में से एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर नहीं है ?




5. सिस्टम के ........... में प्रोग्राम या इन्स्ट्रक्शन होते हैं।





6. आपके कम्‍प्‍यूटर का प्रत्येक घटक या तो ............




7. कम्‍प्‍यूटर कंट्रोल करने संबंधी इंस्ट्रक्शन्स या प्रोग्रामों को ............ कहते हैं।





8. निम्नलिखित में से कौन-सा हार्डवेयर का एक उदाहरण नहीं है ?




9. कम्प्यूटर चलाने के लिए यूज किया जाने वाला डाटा या सूचना ............. कहलाता है।




10. निम्नलिखित में से कौन-सा एक ऑपरेटिंग सिस्टम है ?





11. ........... एक प्रोग्राम है जिससे कम्‍प्‍यूटर का उपयोग करना आसान हो जाता है।





12. End User Software किसे कहा जाता है ?




13. प्रोग्राम में त्रुटि (Error) जिससे गलत या अनुपयुक्त परिणाम उत्पन्न होते हैं, उसे ............ कहते हैं।




14. कम्‍प्‍यूटर का प्रत्येक कम्पोनेन्ट या तो ........... होता है।




15. उबन्टु क्या है ?




16. सॉफ्टवेयर का प्राथमिक उद्देश्य डाटा को ............ में बदलना है।




17. ............ सॉफ्टवेयर कोड में त्रुटियां ढूंढने की एक प्रक्रिया है।




18. वर्ड प्रोसैसर का श्रेष्ठ उपयोग किसके लिए होगा ?




19. ............ कमांड्स को सम्पन्न करने की प्रक्रिया है।




20. ऑपरेटिंग सिस्टम और युटिलिटी प्रोग्राम सॉफ्टवेयर के उस वर्ग के हैं जिन्हें ............ कहा जाता है।



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21. इनमें से कौन-सा फेज या भाग किसी सॉफ्टवेयर लाइफ साइकिल में नहीं होता है?





22. मूर्त, कम्प्यूटर का भौतिक उपकरण जिसे देखा और छुआ जा सकता है, ............ कहलाता है।





23. जिससे कम्प्यूटर एक से अधिक टास्क परफार्म कर सकता है उस सेट ऑफ इंस्ट्रक्शन्स के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा पद उपयुक्त है ?





24. कम्‍प्‍यूटर On होने के बाद सबसे पहले Software किसमें लोड होता है ?





25. जो अनुदेश आसानी से समझा जा सकता है, उसे कहते हैं।





26. वह सॉफ्टवेयर जो उस तरीके को नियंत्रित करता हैं जिससे कम्‍प्‍यूटर सिस्टम काम करता है और ऐसे साधन उपलब्‍ध कराता हैं, जिसके द्वारा प्रयोक्ता कम्‍प्‍यूटर के साथ इंटरैक्ट कर सकता हैं, कहलाता हैं।





27. डाटा का सुनियोजित रिकार्ड रखने के लिए सामान्यतया इनमें से किस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है ?




28. लिनक्स ............ का एक उदाहरण है।




29. पैच (Patch) को और किस नाम से जाना जाता है ?




30. अनुदेशों का समूह, जो कम्‍प्‍यूटर को क्या करना है, यह बतलाता हैं, कहलाता हैं।




31. मूल स्रोत से किसी भिन्न डेस्टिनेशन पर कॉपी कर के डाटा का संरक्षण करना क्या कहलाता है ?





32. मूर्त, कम्प्यूटर का भौतिक उपकरण जिसे देखा और छुआ जा सकता है ............ कहलाता है।





33. जिससे कम्प्यूटर एक से अधिक टास्क परफार्म कर सकता है उस सेट ऑफ इंस्ट्रक्शन्स के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा पद उपयुक्त है ?





34. सॉफ्टवेयर क्या है ?





35. ............ प्रोग्रामों का एक सेट है जो कम्प्यूटर के संसाधनों को प्रबंधित करने के लिए डिजाइन किया गया है और जिसमें कम्प्यूटर शुरू करना, प्रोग्रामों को मैनेज करना, मेमरी को मैनेज करना और इनपुट तथा आउटपुट डिवाइसों के बीच के कार्यों का समन्वय करना शामिल है।





36. विशिष्ट प्रतिबंधों के आधार पर सॉफ्टवेयर के प्रयोग का कानूनी अधिकार ............ के माध्यम से दिया जाता है।





37. एक प्रकार का सॉफ्टवेयर जो कम्प्यूटर के इंटरनल ऑपरेशन्स कंट्रोल करता है और कैसे कम्प्यूटर अपने सभी पार्ट्स के साथ काम करता है उसका कंट्रोल करता है वह निम्नलिखित में से कौन-सा है ?




38. ............ तब होता है जब ओपरेटिंग सिस्टम Ram में लोडेड होता है।




39. इसका प्रयोग स्क्रीन पर प्रदर्शित हुए चित्रों (आइकन) के द्वारा कम्‍प्‍यूटर सिस्टम को कमांड भेजने के लिए किया जाता हैं।




40. यदि कम्‍प्‍यूटर में प्रिंटर या स्कैनर जैसी नई डिवाइस अटैच की जाती है तो डिवाइस का प्रयोग किए जाने से पहले इसका ............ इंस्टाल किया जाना चाहिए।




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41. कौन सा प्रोग्राम सभी स्टेंटमेंट्स को एक सिंगल बैच में कनवर्ट करता है और इंस्ट्रक्शन्स के रिजल्टिंग कलेक्शन को एक नई फाइल में रखता हैं।




42. कम्‍प्‍यूटर सिस्टम का भाग जिसमें प्रोग्राम या अनुदेश शामिल होते हैं, कहलाता हैं।




43. Sheet बनाने के लिए किस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग होता है ?




44. वो कौनसा सॉफ्टवेयर है जो यूजर को कम्‍प्‍यूटर को जोड़ने का कार्य करता है ?




45. Dos का पूरा नाम क्या है ?




46. कम्प्यूटर पर काम करने के लिए मुख्यतः किसकी जरूरत पड़ती है ?




47. विषम शब्द को चुनिए




48. वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट और फोटो-एडिटिंग उदारहण हैं।




49. यूनिक्स का विकास कब हुआ ?




50. किसी फर्म के सभी ट्रांजेक्शनों की एक ही बार में गुपिंग और प्रोसैसिंग करने को कहते हैं ?




51. यूटीलिटी सॉफ्टवेयर को और किस नाम से जाना जाता है ?





52. टेस्टिंग का क्या मकसद होता है ?





53. कम्प्यूटर में काम करने के लिए किस सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है ?





54. कौन-सा सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर के हार्डवेयर को नियंत्रित करता है ?





55. कम्प्यूटर में सिस्टम सॉफ्टवेयर का सबसे महत्वपूर्ण भाग कौन-सा होता है ?





56. यूनिक्स की विशेषताएँ क्या हैं ?





57. यूनिक्स के निर्माता हैं




58. कम्प्यूटर में उपयोग के लिए बाजार में बिकने वाले प्रोग्राम को क्या कहते हैं ?




59. सॉफ्टवेयर के प्रकार होते है ?




60. संकेतों का संग्रह, जो कि कम्प्यूटर को बताता है कि किसी विशेष काम को कैसे किया जायेगा, क्या कहलाता है ?



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61. निम्न में से कौन उपभोक्ता एवं हॉर्डवेयर के बीच एक मध्यस्थ (एजेंट) की तरह काम करता है ?





62. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच संबंध बनाने की तकनीक या सुविधा को क्या कहा जाता है ?





63. एमएस वर्ड उदाहरण हैं।





64. किस ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोगकर्ता एक साथ कई कम्प्यूटर ऑपरेट कर सकते हैं ?





65. किसी अच्छे सॉफ्टवेयर की क्या खासियत होती है ?





66. कम्प्यूटर का सॉफ्टवेयर पेज मेकर किस ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंध रखता है ?





67. ओरेकल (Oracle) है




68. कौन-सा सॉफ्टवेयर शब्द संसाधन में प्रयोग किया जाता है ?




69. सीएडी (CAD) का तात्पर्य हैं।




70. माइक्रोसाफ्ट ऑफिस है।




71. ............ एक एप्लीकेशन प्रोग्राम है।





72. स्टोरेज की थोड़ी सी जगह में बहुत सी फाइलों को स्टोर करने के लिए निम्न में से किसका प्रयोग किया जा सकता है ?





73. यह कम्‍प्‍यूटर सिस्टम का वह भाग है जिसे कोई छू नहीं सकता ............





74. पब्लिक डोमेन सॉफ्टवेयर हैं।





75. असेम्बलर का कार्य हैं।





76. सॉफ्टवेयर बग को ठीक करने के लिए प्रयुक्त प्रोग्राम कहलाता हैं।





77. निम्न में से Operating Software नहीं है ?




78. 'टैली' (Tally) सॉफ्टवेयर का प्रयोग किस काम के लिए किया जाता है ?




79. रीज्यूम बनाने के लिए किस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है ?




80. कम्प्यूटर प्रोग्रामों को लिखने वाले और उनका परीक्षण करने वाले व्यक्तियों को क्या कहते हैं।




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81. कम्प्यूटर के कम्पोनेंट ठीक से ऑपरेट हो रहे हैं और कनेक्टेड हैं यह सुनिश्चित करने के लिए कौन-सा प्रौसेस चेक करता है ?




82. कम्प्यूटर को बनाने वाले फिजीकल कम्पोनेन्टस को ............ कहते हैं।




83. वह सॉफ्टवेयर जो हार्डवेयर (Hardware) को मैनेज और कण्ट्रोल करने का काम करता है ?




84. ............ एक बार में एक स्टेटमेंट को कन्वर्ट और एक्जीक्यूट करता है।




85. सबसे मुश्किल तथा चैलेजिंग भाग कौन सा है किसी सॉफ्टवेयर लाइफ साइकिल का ?




86. शब्द ............ किसी उपकरण को यह डेजिग्नेट करता है कि जिसे कम्‍प्‍यूटर से उसकी फंक्शनैलिटी बढ़ाने के लिए जोड़ा जा सकता है।




87. कम्प्यूटर इन्स्ट्रक्शन लिखने के प्रोसैस को ............ कहते हैं।




88. सामान्य शब्द 'पेरिफरल इक्विपमेंट' का प्रयोग किसलिए किया जाता है ?




89. हार्डवेयर में क्या शामिल है ?




90. कम्प्यूटर के सभी भाग ठीक कार्य कर रहे हैं तथा सिस्टम में लगें हुए हैं, यह सुनिश्चित किया जाता है।




91. बैक अप कहलाता हैं।





92. लाइनक्स एक ............





93. जब एक कम्प्यूटर में दो प्रोसेसर लगाए जाते हैं, तो उसे ............ कहते हैं।





94. दो या अधिक प्रोसेसर द्वारा दो या अधिक प्रोग्रामों का साथ–साथ प्रोसेसिंग कहलाता हैं।





95. किसी प्रोग्राम के मानव द्वारा पठनीय वर्शन (Version) को कहते हैं।





96. प्रोग्राम के कम्पाइलिंग से बनता हैं।





97. पोस्ट (Post) का पूरा रूप हैं।




98. सिस्टम को बूट करने का क्या अभिप्राय है ?




99. कम्‍प्‍यूटर बूट 'Boot' नहीं कर सकता यदि, उसमें ............ नहीं होता।




100. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के अंतर्गत कौन-कौन से प्रोग्राम आते है ?




101. जब आप PC बूट करते हैं तब क्या होता है ?




102. दो या अधिक प्रोग्राम के एक साथ प्रोसेसिंग की प्रक्रिया कहलाती हैं।





103. कम्प्यूटर का कोई कंपोनेन्ट जिसे आप देख और छू सकते हैं।





104. 'कम्‍पाइलर' है





105. एक युटिलिटी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जो मेमोरी के अनावश्य‍क फ्रैग्मेंट्स को पहचानता है और डिस्क स्पेस को पुर्नयवस्थित करता हैं ताकि आपरेशन इष्टतम ढंग से हो सके, कहलाता हैं ।




106. निम्न में से Utility सॉफ्टवेयर नही है ?





107. उपयोगकर्ता यह कैसे निर्धारित कर सकता है कि कम्प्यूटर पर कौन सा प्रोग्राम उपलब्ध है।




108. ऑपरेटिंग प्रणाली और कम्प्यूटर में प्रोसेसर इनके मिश्रण को ............ कम्प्यूटर्स के रूप में संदर्भित किया जाता है।




109. प्रत्येक कम्प्यूटर में ............ है और कई में ............ भी होता है।




110. पहले से चल रहे कम्प्यूटर को रीस्टार्ट करना ............ कहलाता है।




111. Internet पर जानकारी देखने के लिए किस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है ?




112. एक सॉफ्टवेयर, जो एच. एल. एल. (HLL - High Level Language) प्रोग्राम को मशीनी भाषा में परिवर्तित करता है, ............ कहते हैं




113. उन कार्यक्रमों के सेट, जिनमें प्रलेखन का पूरा सेट होता है, को क्‍या कहा जाता है ?




114. किसी कम्प्यूटर पर कार्य करने हेतु प्रयुक्त प्रोग्राम को कहते हैं ?




115. ............ एक विंडोज युटिलिटी प्रोग्राम है जो अनावश्यक हिस्सों फ्रेग्मेंट्स को पहचानता और हटाता है और फाइलों तथा अप्रयुक्त डिस्क स्पेस को पुनर्व्यवस्थित करता है ताकि ऑपरेशन इष्टतम ढंग से हो सके।




116. कम्प्यूटरों के संदर्भ में सॉफ्टवेयर का क्या अर्थ है ?




117. ग्रुपवेयर (Groupware) होता हैं।




118. कम्प्यूटर के संचालन में प्रयुक्त प्रोग्राम, नियम तथा कम्प्यूटर क्रियाओं से संबंधित लिखित (या चिप में दर्ज) सामग्री को कहा जाता है ?




119. निम्नेलिखित में से किस क्षेत्र में स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर अधिक उपयोग होता हैं।




120. कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का एक उदाहरण है




दोस्‍तों इस पोस्‍ट के माध्‍यम से आपने सॉफ्टवेयर क्‍या है | Software Kya Hai In Hindi के बारे में जाना साथ ही software kya hai, software kya hai in hindi, software kya hai iske prakar bataiye, software kya hai uske prakar bataiye, software kya hai software ke prakar, software kya hai iske prakar, software kise kahate hain, software kise kahate hain hindi, software kise kahate hain iske prakar, computer software in hindi, computer software kya hai, computer software kya hai in hindi, computer software kya hai iske prakar, computer software kise kahte hai, computer software kise kahate hain, software ki paribhasha, computer software and its types, computer software ke bare mein bataiye, what is software in hindi, system software in hindi, system software ke prakar, operating system software in hindi, what is operating system in hindi, operating system ke prakar in hindi, multiprogramming operating system in hindi, batch processing operating system in hindi, time sharing operating system in hindi, single user multi task operating system in hindi, real time operating system in hindi, multi processing operating system in hindi, multi user operating system in hindi, single user operating system in hindi, open source operating system in hindi, embedded operating system in hindi, ms dos operating system in hindi, what is dos operating system in hindi, ms windows operating system in hindi, what is windows operating system in hindi, unix operating system in hindi, what is unix operating system in hindi, linux operating system in hindi, what is linux operating system in hindi, language translator software in hindi, language translator in hindi, assembler in hindi, compiler in hindi, compiler kya hai in hindi, interpreter in hindi, interpreter in hindi, compiler or interpreter in hindi, what is application software in hindi, application software in hindi, general purpose software in hindi, word processing in hindi, word processing in computer, word processing software in hindi, electronic spreadsheet in hindi, presentation software in hindi, database management system in hindi, desktop publishing software in hindi, graphic software in hindi, accounting software in hindi, cad software in hindi, multimedia software in hindi, specific purpose software in hindi, payroll management system in hindi, reservation system in hindi, report card generator in hindi, hotel management system in hindi, utility software in hindi, disk formatting in hindi, what is disk formatting in computer, disk cleanup in hindi, disk compression in hindi, backup program in hindi, virus scanner in hindi, file manager in hindi, public domain software in hindi, software package in hindi, freeware in hindi, retail software in hindi, shareware software in hindi, group ware software in hindi, firmware software in hindi, demo software in hindi, testing and debugging in hindi, logical error in hindi, syntax error in hindi, post in hindi, kernel in hindi, device driver in hindi, user interface in hindi, command line interface in hindi, graphical user interface in hindi बारे में भी जाना यदि आपको यह जानकारी अच्‍छी लगी हो तो जरूर इस जानकारी को अपने दोस्‍तों के साथ शेयर करना न भूले। और हां इस पोस्‍ट पर कमेंट (Comment) कर बताये यह पोस्‍ट आपको कैसी लगी ताकि हम अपनी ओर से आपको विभिन्‍न परीक्षाओं की तैयारी के लिये एक बेहतर जानकारी व महत्‍वपूर्ण तथ्‍य उपलब्‍ध करा सके। और हां www.studyfundaaa.com को Subscribe करना ना भूले।

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