कम्प्यूटर का परिचय | Introduction of Computer
कम्प्यूटर का
परिचय | Computer ka Parichay | Introduction of Computer
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कम्प्यूटर का परिचय | Computer ka Parichay | Introduction of Computer
हेलो दोस्तों,
Studyfundaaa
द्वारा आप सभी को प्रतिदिन प्रतियोगी
परीक्षाओं से सम्बंधित जानकारी Share की जाती है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक Competitive Exams
में कम्प्यूटर से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. आज इस पोस्ट में
हम आपके समक्ष जो जानकारी share कर रहे हैं वह कम्प्यूटर का परिचय (Introduction of Computer) की
है. यह पोस्ट विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत
महत्वपूर्ण है
कम्प्यूटर का परिचय
(Introduction
of Computer)
कम्प्यूटर
एक स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन है जो डाटा तथा निर्देशों को इनपुट के रूप में
ग्रहण करता है, निर्देशों के अनुरूप उनका विश्लेषण
करता है तथा आवश्यक परिणामों को निश्चित प्रारूप आउटपुट के रुप में निर्गत करता
है। यह डाटा, निर्देश (सॉफ्टवेयर) तथा परिणामों को स्टोर भी
करता है ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके। यह डाटा के भंडारण तथा तीव्र
गति और त्रुटि रहित ढंग से उसके विश्लेषण का कार्य करता है। (Computer Kya
hai)
कम्प्यूटर
शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के ‘Computer’ शब्द से हुई। परन्तु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ‘कम्प्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति ‘Compute’ शब्द से हुई है। सामान्यत: दोनों का ही अर्थ ‘गणना
करना’ है।
जरूर पढ़े - कम्प्यूटर का उद्भव एवं विकास With MCQ
कम्प्यूटर सिस्टम के घटक (Components of Computer System)
किसी
भी कम्प्यूटर सिस्टम को मुख्यत: तीन भागों में बांटा जा सकता है –
1.
हार्डवेयर
2.
सॉफ्टवेयर
3.
डाटा
1.
हार्डवेयर (Hardware) – कम्प्यूटर मशीन का वह भौतिक भाग जिसे हम छू कर महसूस कर सकते हैं,
हार्डवेयर कहलाता है। जैसे- की-बोर्ड, माउस, मॉनीटर, सीपीयू, प्रिंटर, हार्ड डिस्क
ड्राइव, मदरबोर्ड, प्रोसेसर, स्पीकर आदि। (hardware kya hai)
2.
सॉफ्टवेयर (Software)
– अनुदेशों और प्रोग्रामों का समूह जो कम्प्यूटर को यह बतलाता है कि उसे क्या
और कैसे करना है, सॉफ्टवेयर कहलाता है।
(Software kya hai)
कम्प्यूटर का हार्डवेयर सॉफ्टवेयर के
अनुदेशों के अनुसार ही काम करता है एक ही हार्डवेयर अलग-अलग सॉफ्टवेयर निर्देशों
के आधार पर अलग-अलग कार्य कर सकता है। सॉफ्टवेयर को हम
छू नहीं सकते और न ही भौतिक रूप से देख सकते हैं। इस प्रकार हार्डवेयर यदि कम्प्यूटर
का शरीर है तो सॉफ्टवेयर उसकी आत्मा है।
3.
डाटा (Data)
– डाटा तथ्यों और सूचनाओं का अव्यवस्थित संकलन है।
डाटा
दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है –
संख्यात्मक
डाटा (Numerical Data) –
यह अंकों से बना डाटा है जिसमें 0, 1, 2, …. , 9 तक अंकों का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के डाटा पर हम अंकगणितीय
क्रियाएं कर सकते हैं। जैसे- कर्मचारियों का वेतन, विद्यार्थियों के प्राप्तांक आदि।
चिन्हात्मक
डाटा (Alphanumeric data) – इसमें अक्ष्ारों,
अंकों तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। इसमें अंकगणितीय
क्रियाएं नहीं की जा सकती, पर इनकी तुलना की जा सकती है।
जैसे- कर्मचारियों का पता।
सूचना
(Information)
– डाटा का उपयोगिकता के
आधार पर किये गये विश्लेषण और संकलन के बाद प्राप्त तथ्यों को सूचना कहते है।
इस प्रकार, डाटा अव्यवस्थित तथ्य है जबकि सूचना व्यवस्थित
डाटा है जो प्रयोग करने वालों के लिए उपयोगी होती है।
सूचना
प्राप्ति (Information Retrieval)
– आवश्यकतानुसार सूचना को पुन: प्राप्त करने के विधि सूचना
प्राप्ति कहलाती है।
जरूर पढ़े - कम्प्यूटर से संबंधित फुल फार्म With MCQ
डाटा प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स डेटा प्रोसेसिंग (Data Processing & Electronic Processing)
कम्प्यूटर
के निर्माण से पहले निश्चित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए डेटा तथा संकलन,
संचयन संसाधन और निगर्मन हस्तचालित से होता था, जिसे डेटा प्रोसेसिंग कहते थे। जैसे-जैसे टेक्नालॉजी का विकास हुआ इन सभी
कार्यों के लिए कम्प्यूटर का उपयोग होने लगा। इसे इलेक्ट्रानिक डेटा प्रोसेसिंग
(E.D.P) कहते हैं।
डेटा
प्रोसेसिंग का मुख्य लक्ष्य अव्यवस्थित डेटा (Raw Data) से व्यवस्थित डेटा (Information) प्राप्त करना है।
जिसका उपयोग निर्णय लेने के लिए होता है।
कम्प्यूटर सिस्टम (Computer System)
यह उपकरणों का एक समूह है जो एक साथ मिलकर
डेटा प्रोसेस करते हैं। कम्प्यूटर सिस्टम में अनेक इकाईयॉं होती हैं। जिनका
उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स डेटा प्रोसेसिंग में होता है-
इनपुट
यूनिट (Input unit)
– वैसी इकाई जो यूजर से डेटा प्राप्त कर सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट
को इलेक्ट्रानिक पल्स के रूप में प्रवाहित करता है। जैसा कि ऑटोमेटिक टेलर मशीन
में जब हम निकासी (withdraw) के लिए जाते हैं तो हमें पिन
नम्बर डालना (Personal Identification Number) होता है।
उसके लिए इनपुट इकाई के रूप में कीपैड का उपयोग किया जाता है।
सेन्ट्रल
प्रोसेसिंग यूनिट (Central
Processing Unit) – इसे प्रोसेसर भी कहते
हैं। यह एक इलेक्ट्रॉनिक्स माइक्रोचिप है जो डेटा को जानकारी (information)
में बदलते हुए प्रोसेस करता है। इसे ‘कम्प्यूटर
का ब्रेन’ (Brain of Computer) कहा जाता है। यह कम्प्यूटर
सिस्टम के सारे कार्यों को नियंत्रित करता है तथा यह इनपुट को आउटपुट में रुपान्तरित
करता है। CPU, इनपुट यूनिट तथा आउटपुट यूनिट से मिलकर पूरा
कम्प्यूटर सिस्टम बनाता है। इसके अग्रलिखित भाग होते हैं –
कंट्रोल
यूनिट (Control Unit)
– यह कम्प्यूटर के सारे
कार्यों को नियंत्रित करता है तथा कम्प्यूटर के सारे भागों जैसे – इनपुट,
आउटपुट डिवाइजेस, प्रोसेसर, इत्यादि की सारी गतिविधियों के बीच तालमेल बैठाता है। (control
unit kya hai in hindi)
मेमोरी
यूनिट (Memory Unit)
– यह डेटा तथा निर्देशों के
संग्रह करने में प्रयुक्त होता है। इसे मुख्यत: दो वर्गों प्राइमरी तथा सेकेंडरी
मेमोरी में विभाजित करते हैं। जब कम्प्यूटर कार्यशील रहता है अर्थात वर्तमान में
उपयोग हो रहे डेटा तथा निर्देश का संग्रह प्राइमरी मेमोरी में होता है। सेकेंडरी
मेमोरी का उपयोग बाद में उपयोग होने वाले डेटा निर्देशों को संग्रहित करने में
होता है।
आउटपुट
यूनिट (Output Unit) –
वैसी इकाई जो सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट से डेटा लेकर उसे यूजर को समझने योग्य
बनाता है। जैसा कि, जब हम सुपर मार्केट में
बिल अदा करते हैं तो हमें रसीद प्राप्त होता है, जो एक
आउटपुट का रूप है। यह आउटपुट उपकरण प्रिंटर से प्राप्त होता है।
कम्प्यूटर की विशेषताऍं (Characteristics of Computer)
1. गति
(Speed)
- कम्प्यूटर एक सेकेण्ड में लाखों गणनाएं कर सकता है। किसी मनुष्य
द्वारा पूरे साल में किए जाने वाले कार्य को कम्प्यूटर कुछ ही सेकेण्ड में कर सकता
है। कम्प्यूटर प्रोसेसर के स्पीड को हर्ट्ज (Hz) में मापते
है। वर्तमान समय में कम्प्यूटर नैनो सेकेण्ड (10-9Sec) में गणनाएं कर सकता है। कम्प्यूटर की गति को MIPS (Million
Instruction Per Second) में मापा जाता है।
2. स्थायी
भंडारण क्षमता (Permanent Storage)
- कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना
और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि कम्प्यूटर में
सूचनाएं इलेक्ट्रानिक तरीके से संग्रहित की जाती हैं, अतः
सूचना के समाप्त या नष्ट होने की संभावना कम रहती है।
3. विशाल
भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity)
- कम्प्यूटर के बाह्य (external) तथा (internal)
संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क,
मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम) में असीमित डाटा और
सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। कम्प्यूटर में सूचनाएं कम स्थान घेरती हैं,
अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
4. गोपनीयता
(Secrecy)
- पासवर्ड (Password) के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड
के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला
व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
5. त्रुटि
रहित कार्य (Accuracy)
- कम्प्यूटर की गणनाएं लगभग त्रुटिरहित होती हैं। गणना के दौरान अगर
कोई त्रुटि (error) पायी भी जाती है तो वह प्रोग्राम या डाटा
में मानवीय गलतियों के कारण होती है। अगर डाटा और प्रोग्राम सही है तो कम्प्यूटर
हमेशा सही परिणाम ही देता है। कभी-कभी वायरस (Virus) के कारण
भी कम्प्यूटर में त्रुटियां आ जाती है।
कम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of the Computer)
1. वायरस
का खतरा (Immune to virus) -
कम्प्यूटर में वायरस का खतरा बना रहता है जो सूचना और निर्देशों को दूषित या
समाप्त कर सकता है। ये वायरस कम्प्यूटर की भंडारण क्षमता को प्रभावित करते हैं।
हालांकि एंटीवायरस साफ्टवेयर (Antivirus Software) का
प्रयोग कर इससे बचा जा सकता है।
2. बुद्धिहीन
(No
mind) - कम्प्यूटर में स्वयं की सोचने और निर्णय
लेने की क्षमता नहीं होती। जिसके के कारण कम्प्यूटर केवल दिये गये दिशा-निर्देशों
के अंदर ही कार्य कर सकता है।
3. खर्चीला
(Expensive)
- कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा साफ्टवेयर काफी महंगे
होते हैं तथा इन्हें समय समय पर आवश्कतानुसार परिवर्तित भी करना पड़ता है।
4. विद्युत
पर निर्भरता (Depends on
Electricity) - कम्प्यूटर अपने कार्य के विद्युत पर
निर्भर करता है तथा इसके अभाव में कोई भी कार्य संपन्न कर पाने में सक्षम नहीं है।
जरूर पढ़े - जैन धर्म का सामान्य ज्ञान With MCQ
कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Application of Computer)
आधुनिक
युग में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जहाँ
कम्प्यूटर का प्रयोग न होता हो, कुछ मुख्य क्षेत्रों में,
कम्प्यूटर के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं।
1. बैंक
(Bank)
- बैंकिंग क्षेत्र में तो कम्प्यूटर ने अनुप्रयोग ने
क्रान्ति ही ला दी है। आज बैंकों के अधिकांश समयसाध्य कार्य;
जैसे- ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम द्वारा पैसे
निकालना, चेक का भुगतान, रुपया गिनना
इत्यादि, कम्प्यूटर के द्वारा सहज ही सम्भव हैं।
2. संचार
(Communication)
- कम्प्यूटर के प्रयोग ने संचार के क्षेत्र में
इन्टरनेट के प्रयोग को सम्भव बनाया है। आधुनिक संचार व्यवस्था की तो कम्प्यूटर के
अभाव में कल्पना भी नहीं की जा सकती है टेलीफोन और इंटरनेट में संचार क्रांति को
जन्म दिया है। तंतु प्रकाशिकी संचरण (Fiber optics
Communication) में भी कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है।
3. शिक्षा
(Education)
- इन्टरनेट के माध्यम से हम किसी भी विषय की जानकारी
कुछ ही क्षणों में प्राप्त कर सकते हैं। मल्टीमीडिया के विकास और इन्टरनेट की
सुलभता ने कम्प्यूटर को विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी बना दिया है।
4. चिकित्सा
(Medicine)
- चिकित्सा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग
विभिन्न शारीरिक रोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है। रोगों का विश्लेषण तथा
निदान भी कम्प्यूटर द्वारा सम्भव है। आधुनिक युग में एक्स-रे,
सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउण्ड इत्यादि विभिन्न
जाँचों में कम्प्यूटर का प्रयोग विस्तृत रूप से हो रहा है।
5. वायुयान
तथा रेलवे आरक्षण (Air-lines and
Railway Reservation) - एक स्थान-से-दूसरे
स्थान पर वायुयान तथा रेल द्वारा जाने के लिए आरक्षण कम्प्यूटर द्वारा ही किए जाते
हैं तथा कम्प्यूटर द्वारा ही हम घर बैठे निर्धारित समय की भी जानकारी प्राप्त कर
सकते हैं।
6. ई-कामर्स
(E-Commerce)
- ई-कामर्स इन्टरनेट की एक उपयोगिता है,
जिसकी सहायता से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से व्यापार किया जाता है। Commerce शब्द का अर्थ लेन-देन अर्थात् व्यापार है और यदि लेन-देन कम्प्यूटर तथा
उसके नेटवर्क तथा संचार प्रणाली की सहायता से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में किया जाए तो
इसे ई-कामर्स कहते हैं।
7. मनोरंजन
(Recreation)
- मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग प्रायः
सिनेमा,
टेलीविजन कार्यक्रमों, वीडियो गेम इत्यादि
रूपों में किया जाता है। मल्टीमीडिया के प्रयोग ने तो कम्प्यूटर को बहुआयामी बना
दिया है।
कम्प्यूटर के
महत्वपूर्ण तथ्य (Important Fact of Computer) -
·
पैकमेन नाम प्रसिद्ध
कम्प्यूटर खेल के लिए निर्मित हुआ था।
·
सिद्धार्थ भारत में
निर्मित पहला पर्सनल कम्प्यूटर है।
·
चार्ल्स बैबेज को ‘कम्प्यूटर का जनक‘ (Father of Computer) कहा जाता
है।
·
पहला कम्प्यूटर
आर्किटेक्चर जॉन वॉन न्यूमैन द्वारा 1948 में
प्रस्तुत किया गया ।
·
2 दिसम्बर प्रतिवर्ष विश्व
कम्प्यूटर साक्षरता दिवस (Computer Literacy Day) के रूप में
मनाया जाता है।
computer mock test cpct, computer
objective question in hindi
1. वह इलेक्ट्रानिक डिवाइस जो डाटा को स्वीकार कर सकती है, डाटा प्रोसेस करती है तथा आउटपुट उत्पन्न करती है और परिणामों को भविश्यज में प्रयोग के लिए स्टोर करती है, कहलाती है -
2. डाटा प्रोसेसिंग का अर्थ है -
3. इनमें से कौन कम्प्यूटर का गुण नहीं हैं -
4. कम्प्यूटर प्रोसेस द्वारा इन्फार्मेशन में परिवर्तित करता है।
5. चिह्नात्मटक डाटा (Alphanumeric Data) में प्रयोग किया जाता है -
6. निम्नलिखित में से कौन कम्प्यूटर के गुण है
7. डाटा प्रोसेसिंग का अर्थ है -
8. कम्प्यूटर साक्षरता दिवस मनाया जाता है -
9. देश का प्रथम कम्प्यूटर साक्षर (Computer Literate) जिला है -
10. कम्प्यूटर साक्षरता का अर्थ है -
11. बैंकिंग लेन-देन में ECS का अर्थ है -
12. विश्व में सर्वाधिक कम्प्यूटर वाला देश है -
13. कम्प्यूटर निम्नलिखित में से कौन सा कार्य नहीं करता है -
14. भारत का पहला कम्प्यूटर कहां स्थापित किया गया था?
15. सी.पी.यू. का फुल फॉर्म होता हैं ?
16. निम्न में से कौन–सा सिस्टम यूनिट का भाग है?
17. प्रोसेसर के तीन प्रमुख भाग है -
18. कम्प्यूटर मशीन का वह भौतिक भाग जिसे हम छू कर महसूस कर सकते है कहलाता है -
19. ए.एल.यू. का फुल फॉर्म होता हैं ?
20. कम्प्यूटर की गति ........ मापी जाती है-
Good job
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ReplyDeleteThanks
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