मध्यप्रदेश में नगरीय प्रशासन | MP Nagriya Prashasan | MP Me Nagriya Nikay
मध्यप्रदेश में नगरीय प्रशासन | Madhya Pradesh Me Nagriya Prashasan
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मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय | MP Me Nagriya Nikay | Urban Bodies in MP
हेलो दोस्तों,
Studyfundaaa द्वारा आप सभी को प्रतिदिन प्रतियोगी परीक्षाओं
से सम्बंधित जानकारी Share की जाती है. जैसा कि हम सभी जानते
हैं कि प्रत्येक Competitive Exams में 'मध्यप्रदेश के सामान्य ज्ञान' से सम्बंधित प्रश्न
पूछे जाते हैं. आज इस पोस्ट में हम आपके समक्ष जो जानकारी share कर रहे हैं वह मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय | MP Me Nagriya Nikay | Urban Bodies in MP की है. यह पोस्ट विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के
लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मध्यप्रदेश में
नगरीय निकाय | MP Me Nagriya Prashashan| Urban
Bodies in MP
मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय | MP Me Nagriya Prashashan| Urban Bodies in MP
1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश
राज्य के पुनर्गठन के बाद मध्यप्रदेश में नगर पालिका निगम अधिनियम,
1956 पारित किया गया तथा नगर निगमों का गठन किया गया।
इसके पश्चात नगर निगम की
सरंचना को मजबुत व सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा एक समिति गठित
की गई।
राज्य सरकार द्वारा गठित
समिति ने 1958 में अपनी रिपोर्ट पेश की तथा इस रिपोर्ट के आधार पर 'मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 पारित किया गया।
इस व्यवस्था को वास्तविक
सफलता उस समय प्राप्त हुई, जब 74वां संविधान संशोधन, 1992 के द्वारा नगरीय निकायों को
संवैधानिक दर्जा प्रदान कर इनके अधिकारों को सुनिश्चित किया गया। मध्यप्रदेश इस
अधिनियम का अनुपालन करने वाला देश का प्रथम राज्य है। (madhya
pradesh me kitne nagar nigam hai)
मध्यप्रदेश में 74 वें संविधान संशोधन के क्रियान्वयन हेतु म. प्र. नगरपालिका निगम अधिनियम,
1994 (Madhya Pradesh Nagar Palika Adhiniyam, 1994) पारित किया गया। इस अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश राज्य में त्रि-स्तरीय
नगरीय निकायों की व्यवस्था की गई, जो निम्न है -
जरूर पढ़े - मध्यप्रदेश में पंचायती राज With MCQ
नगर निगम (MP
Me Nagar Nigam)
नगरपालिका
के सबसे ऊपर स्तर के शासन को नगर निगम कहा जाता है। यह शहरी स्थानीय शासन का एक
कानूनी नाम है | नगर निगम की स्थापना सामान्यतः 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में की जाती है, जिसमें
सदस्यों की संख्या 40 से 70 होती है।
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा 6 विशेषज्ञ सदस्य भी
मनोनीत किये जाते है साथ ही उस क्षेत्र के विधायक तथा सांसद पदेन सदस्य होते है।
नगर निगम महापौर (अध्यक्ष) एवं पार्षद प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुने जाते है तथा
स्पीकर अप्रत्यक्ष रुप से चुने हुए पार्षदों द्वारा निर्वाचित होता है। नगर नगर का
मुखिया अध्यक्ष होता है जिसे 'महापौर' कहा जाता है तथा नगर निगम का प्रशासकीय प्रमुख या मुख्य कार्यपालन अधिकारी
'नगर निगम आयुक्त' होता है। वर्तमान
में मध्यप्रदेश में 16 नगर निगम है। (mp
me kitne nagar nigam hai)
o
जनसंख्या 1 लाख से अधिक व वार्षिक आय 30 लाख से अधिक हो,
वहां नगर निगम गठित की जाए।
o
वर्तमान में म. प्र. में
16 नगरपालिका निगम है। (mp me nagar nigam
kitne hai)
o
नगर निगम परिषद के सदस्य
प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा निर्वाचित होते है, जिनकी
संख्या 40 से 70 होती है।
o
नगर निगम का अध्यक्ष
महापौर होता है, जो प्रथम नागरिक होता है। पहले
अप्रत्यक्ष रुप से चुना जाता था व कार्यकाल 2.5 वर्ष था। (mp
me nagar nigam kitne h)
o
1997 में संशोधन कर महापौर
का चुनाव प्रत्यक्ष व कार्यकाल 5 वर्ष कर दिया गया।
o
म. प्र. में उप-महापौर
का पद समाप्त कर स्पीकर का पद बनाया गया है।
o
6 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल
द्वारा नियुक्त होते है।
o
मेयर इन कौंसिल नगर निगम
की मुख्य समिति है। (mp me nagar nigam gk in hindi)
o
नगर निगम परिषद् में
लोकसभा,
राज्यसभा, विधानसभा, विधान
परिषद के पदेन सदस्य होते है।
o
इस समिति का महापौर
(पदेन) अध्यक्ष होता है। इसमें कुल 11 सदस्य
अध्यक्ष सहित होते है।
o
इसकी सहायता के लिए 10 विभागीय समितियां भी होती है, जिनके अध्यक्ष मेयर
इन कौंसिल के सदस्य होते है। इनकी कुल सदस्य संख्या 7 होती
है। (mp me nagar nigam ki sankhya)
o
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी
(कार्यकारी) निगम आयुक्त होता है, जिसे राज्य सरकार
नियुक्त करती है तथा इसका वेतन नगर निगम
कोष से दिया जाता है। इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
o
म. प्र. में नगर निगम (MP
Me Nagar Nigam) –
जरूर पढ़े - मध्यप्रदेश का सामान्य ज्ञान विस्तार से
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नगर निगम चुनाव
लड़ने के लिए योग्यता (Nagar Nigam Chunav Ke Liye Yogyata)
o
इच्छुक व्यक्ति भारत का
नागरिक होना चाहिए ।
o
उसकी उम्र 21 साल की हो
चुकी हो ।
o
उसका नाम वार्ड की
निर्वाचक नामावली में होना चाहिए ।
o
चुनाव के लिए पहले कभी
भी अयोग्य घोषित नहीं किया गया हो ।
o
वह किसी भी नगर निगम का
कर्मचारी नहीं होना चाहिए ।
नगर निगम के कार्य
(Nagar Nigam Ke
Karya)
o
पर्यावरण संरक्षण ।
o
नया जल संयोजन ।
o
जन्म- मृत्यु पंजीकरण ।
o
पालतू कुत्तों की
लाइसेंसिंग ।
o
आवारा पशुओं को पकड़ना ।
o
नालों की सफाई
(डिशिल्टिंग) ।
o
गैर घरेलू कार्यों हेतु
जलापूर्ति ।
o
जलकल संबंधी राजस्व
संग्रह ।
o
विकसित उद्यान का रख
रखाव ।
o
गन्दे जल कानिस्तारण का
कार्य ।
o
नगर स्वच्छ रखने के अन्य
उपाय ।
o
मृत पशुओं के शवों का
निस्तारण ।
o
संक्रमण रोगों की रोकथाम
के उपाय ।
o
निजी सड़को के निर्माण
की स्वीकृति ।
o
नाले नालियों का निर्माण
और मरम्मत ।
o
सड़कों का निर्माण तथा
उनकी मरम्मत ।
o
विद्यमान सड़कों का
सुधार एवं चौड़ीकरण ।
o
सार्वजनिक सड़कों और
नालियों की सफाई ।
o
फुटपाथ का निर्माण, रख रखाव एवं मरम्मत ।
o
जल निकासी में आने वाले
अवरोधो को हटाना ।
o
वाणिज्यिक एवं औद्योगिक
कार्यो हेतु जलापूर्ति ।
o
अविकसित उद्यानों का
विकसित किया जाना ।
o
जल भवराव से बचाव के लिए कार्ययोजना बनाना ।
o
जल निकासी हेतु पम्प की
स्थापना और संचालन ।
o
सार्वजनिक मार्गो पर
होने वाले अवरोधों का हटाना ।
o
स्वास्थ्य के लिये
हानिकारण व्यवसायों पर नियंत्रण ।
o
कूड़ा का एकत्रीकरण एवं
परिवहन, और निस्तारण ।
o
शवों के निस्तारण हेतु
निर्धारित स्थानों का विनियमन ।
o
अवैध जल संयोजन का
विच्छेदन अथवा नियमितीकरण ।
o
सार्वजनिक शौचालयों
मूत्रालयों की सफाई एवं रख रखाव । (mp ki pahli nagar
palika)
o
निकाय की सम्पत्तियों
एवं भूमि आदि पर से अतिक्रमण हटाया जाना ।
o
जल भराव अथवा अन्य कारणो
से बने गड्ढों की मरम्मत तथा पैच रिपेयर ।
o
सार्वजनिक मार्गो , सड़को, गलियों, नाले नालियों पर से
अतिक्रमण हटाया जाना ।
o
उपविधियों के अधीन अथवा
अन्य लाइसेन्स घरेलू कार्यो हेतु स्वच्छ, पेयजल की आपूर्ति ।
o
नगरपालिका द्वारा अपने
कर्मचारियों के माध्यम से पार्किगं स्थलों का विनियमन किया जाना । (mp
ka pahla nagar nigam)
o
पार्किग स्थलों का
निविदा आधारित ठेका दे कर पार्किंग का विनियमन और नियंत्रण करना ।
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नगर पालिका
(MP Me Nagar Palika)
त्रि-स्तरीय नगरीय
निकायों की व्यवस्था के अंतर्गत 'नगर पालिका' मध्य स्तर पर है। जिसका गठन नगर निगम व नगर पंचायत के बीच में किया जाता
है। नगर पालिका की स्थापना 50 हजार से ऊपर जनसंख्या वाले शहर
में की जाती है, जिसमें सदस्य संख्या 15 से 40 होती है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा मनोनीत 4 विशेषज्ञ सदस्य होते है तथा उस क्षेत्र के सांसद, विधायक
पदेन सदस्य होते है। नगरपालिका अध्यक्ष एवं पार्षद का चुनाव प्रत्यक्ष रुप से जनता
द्वारा किया जाता है तथा नगर पालिका के उपाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रुप से
पार्षदों द्वारा किया जाता है नगरपालिका का मुख्य प्रशासकीय अधिकारी 'मुख्य कार्यपालन अधिकारी' (CMO) होता है। वर्तमान
में प्रदेश में 98 नगरपालिकाएं है। (mp
me kitni nagar palika hai)
o
नगर पालिका 20 हजार से अधिक व 1 लाख से कम जनसंख्या वाले
क्षेत्रों में गठित की जाती है।
o
नगर पालिका में राज्य सरकार
द्वारा मनोनीत सदस्यों की संख्या 4 होती हैं।
(mp
me nagar palika kitni hai)
o
नगर पालिका की समिति में
अध्यक्ष सहित 8 सदस्य होते है।
o
वर्तमान में मध्यप्रदेश
में कुल नगरपालिका की संख्या 98 है।
o
नगरपालिका में सदस्यों
की संख्या 15 से 40 होती है।
o
नगर पालिका का अध्यक्ष
प्रत्यक्ष रुप से 5 वर्ष के लिए नियुक्त होता
है। उपाध्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से चुना जाता है।
o
नगरपालिका की समिति को 'प्रसीडेन्ट इन कौंसिल' कहा जाता है।
o
सात अन्य समितियां होती
है,
जिनके अध्यक्ष प्रेसिडेन्ट इन कौंसिल समिति के सदस्य होते है। इनके
सदस्य 5 होते है।
o
यहां भी सदस्यों को जनता
द्वारा वापस बुलाने का अधिकार है और महापौर और अध्यक्ष को अविश्वास द्वारा हटाया
जा सकता है।
o
मुख्य कार्यपालिका
अधिकारी सी.एम.ओ. (CMO) होता है, जो राज्य सेवा का अधिकारी होता है, जिसकी नियुक्ति
राज्य सरकार द्वारा की जाती है। (mp me nagar nikay in
hindi)
नगर पंचायत
(MP Me Nagar Panchayat)
त्रि-स्तरीय नगरीय
निकायों की व्यवस्था के अंतर्गत 'नगर पंचायत या नगर परिषद'
सबसे नीचला स्तर है,
नगर पंचायत का गठन 20 हजार से ऊपर जनसंख्या
वाले ऐसे नगरों में जो गांव से नगर की ओर परिवर्तित हो रहे है वहॉं किया जाता है। नगर
पंचायत के सदस्यों की संख्या 15 से 40 के
बीच होती है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा 2 मनोनीत विशेषज्ञ
सदस्य एवं संबंधित क्षेत्र के विधायक पदेन सदस्य होते है। इसके अध्यक्ष तथा पार्षद
का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा किया जाता है, जबकि
उपाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से पार्षदों द्वारा किया जाता है। नगर पंचायत का
मुख्य प्रशासकीय अधिकारी 'मुख्य कार्यपालन अधिकारी'
(CMO) होता है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल 264 नगर पंचायत या नगर
परिषदे है। (mp me kitni nagar panchayat hai)
o
नगर पंचायत का गठन 5 हजार से अधिक व 20 हजार से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों
में किया जाता है।
o
नगर पंचायतें संक्रमणशील
क्षेत्रों में गठित की जाती है।
o
वर्तमान में मध्यप्रदेश
में नगर पंचायत की संख्या 264 है। (mp
me nagar panchayat kitni hai)
o
नगर पंचायत में सदस्यों
की संख्या 15 से 40 के बीच
होती है।
o
नगर पंचायत का अध्यक्ष
प्रत्यक्ष रुप से 5 वर्ष के लिए चुना जाता
है।
o
नगर पंचायत की समिति को 'प्रेसिडेन्ट इन कौंसिल' कहा जाता है।
o
समिति में अध्यक्ष सहित 6 सदस्य होते है। (mp nagar palika gk in hindi)
o
2 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल
द्वारा मनोनीत तथा बाकी सांसद, विधायक आदि होते है।
o
इसकी 5 उपसमितियां होती है, जिनके अध्यक्ष प्रेसिडेन्ट इन
कौंसिल के सदस्य होते है। इनके प्रत्येक के 3-3 सदस्य होंगे।
o
इसका मुख्य कार्यपालन
अधिकारी सी.एम.ओ. (CMO) होता है, जो तृतीय श्रेणी अधिकारी है। जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार करती है।
मध्यप्रदेश में
नगरीय निकाय के महत्वपूर्ण बिन्दु :- (Important Facts of MP
Nagar Nikay)
o
1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद नगरपालिका
अधिनियम 1956 लागू हुआ।
o
इसके कुछ समय पश्चात पूर्व अधिनियम में सुधार कर मध्यप्रदेश
नगरपालिका अधिनियम 1961 पारित हुआ।
o
30 दिसम्बर 1993 को मध्यप्रदेश विधानसभा में मध्यप्रदेश नगरपालिका विधेयक पारित हुआ।
o
1992 में 74 वॉं संविधान संशोधन अधिनियम बना जो 16 जनवरी 1993 से लागू हुआ।
o
मध्यप्रदेश में 74 वॉं संविधान के क्रियान्वयन हेतु म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1994 पारित किया गया।
o
इस अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश में त्रि-स्तरीय नगरीय निकायों की
व्यवस्था की गई है।
o
मध्यप्रदेश इस अधिनियम को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य है।
o
मध्यप्रदेश में स्थानीय संस्थाओं में महिला प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत है।
o
राजेन्द्र धारकर समिति
का गठन नगरीय निकायों से संबंधित है।
o
म. प्र. में प्रथम नगर
पालिका का गठन 1864 में जबलपुर में हुआ था। (mp
ki pratham nagar palika)
o
मध्यप्रदेश राज्य की
प्रथम नगरपालिका का गठन 1907 में दतिया में हुआ था।
(mp
ki pratham nagar panchayat)
o पहले अलग चार कानून प्रचलित थे, जिन्हें 1956 में मिलाकर एक किया गया तथा बाद में उसे 1961 में म. प्र. नगरपालिका निगम अधिनियम पारित कर यह व्यवस्था लागू की गई।
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जरूर पढे़ - मध्यप्रदेश का सामान्य परिचय With MCQ
म.प्र. नगरीय प्रशासन से संबंधित महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न (30
Important Question of MP Nagriya Prashashan)
nagriya
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test, nagriya prashan mock test in hindi
1. मध्यप्रदेश में नगर पालिका अधिनियम लागू है।
2. मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी नगर निगम कौन-सी है ?
3. संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर नगर प्रशासनों के चुनाव कराने वाला देश में प्रथम राज्य है-
4. मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों का कार्यकाल कितना है ?
5. नगरपालिका का अध्यक्ष-
6. मध्यप्रदेश में प्रथम नगर पालिका कहाँ स्थापित की गई थी ?
7. नगर निगम परिषद महापौर स्वरूप-
8. नगर निगम के अध्यक्ष को क्या कहते है ?
9. 'नगरपालिकाओं के गठन' का उल्लेख संविधान में किस अनुच्छेद में है ?
10. नगर परिषद (Municipal Council) का अध्यक्ष कहलाता है ?
11. 74 वें संशोधन द्वारा कितनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में नगर निगम की स्थापना की गई ?
12. नगरपालिका सदस्य की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए ?
13. मध्यप्रदेश में नगर निगमों में महापौर का चुनाव होता है।
14. भारत में सर्वप्रथम नगर निगम की स्थापना कब हुई ?
15. मध्यप्रदेश राज्य में नगरीय तथा ग्रामीण स्थानीय संस्थाओं के चुनाव कौन करवाता है ?
16. नगरपालिका में वार्ड समितियों के गठन हेतु न्यूनतम जनसंख्या आवश्यक है।
17. 'मेयर-इन-काउंसिल' प्रकार की सरकार का अर्थ है।
18. 74 वें संविधान संशोधन अधिनियम में प्रावधान है।
19. नगरीय स्थानीय शासन संस्था का उदाहरण नहीं है।
20. नगरीय स्थानीय शासन संस्था का उदाहरण है।
21. अन्य नगर निकायों की तुलना में अधिक स्वायत्तता का उपयोग करता है।
22. 'नगर पंचायत' का गठन होता है।
23. एक नगर पंचायत वह है जो-
24. मध्यप्रदेश में स्थानीय निकायों की मूल समस्या क्या है ?
25. भारतीय संविधान के किस भाग में नगरपालिकाओं से संबंधित प्रावधान है ?
26. नगर निगम के अध्यक्ष को क्या कहते है ?
27. नगर निगम का राज्य सरकार की ओर से ......... प्रमुख होता है ?
28. वर्तमान में मध्यप्रदेश में कितने नगर निगम है।
29. वर्तमान में मध्यप्रदेश में ............. नगरपालिकाएं है।
30. वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल कितनी नगर पंचायत या नगर परिषदे है।
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