मध्यप्रदेश में पंचायती राज | MP Me Panchayti Raj | With MCQ QUIZ
मध्यप्रदेश
में पंचायती राज | MP Me Panchayti Raj | Mp Me Panchayati
Raj Vyavastha
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हेलो दोस्तों,
Studyfundaaa द्वारा आप सभी को प्रतिदिन प्रतियोगी परीक्षाओं
से सम्बंधित जानकारी Share की जाती है. जैसा कि हम सभी जानते
हैं कि प्रत्येक Competitive Exams में 'मध्यप्रदेश के सामान्य ज्ञान' से सम्बंधित प्रश्न
पूछे जाते हैं. आज इस पोस्ट में हम आपके समक्ष जो जानकारी share कर रहे हैं वह मध्यप्रदेश में पंचायती राज
| MP Me Panchayti Raj | Mp
Panchayati Raj Gk In Hindi की है. यह पोस्ट विभिन्न
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मध्यप्रदेश में
पंचायती राज | MP Me Panchayti Raj | Panchayati Raj
Gk In Hindi
मध्यप्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था (MP Me Panchayati Raj Vyavastha)
73वें
संविधान संशोधन, 1992 के द्वारा पंचायती राज संस्थाओं
को संवैधानिक दर्जा प्रदान कर देश में त्रिस्तरीय पंचायती राज की विधिवत् स्थापना की गयी। म. प्र. इस
अधिनियम की अनुपालन करने वाला देश का प्रथम राज्य है। जिसने म. प्र. पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम लागू कर
विकेन्द्रीकरण व्यवस्था के जरिए ग्रामवासियों को अपने विकास की दिशा तय करने
का अवसर उपलब्ध कराया है। साथ ही ग्राम
स्वराज्य योजना म. प्र. में 26 जनवरी 2001 में अपनाई गई।
म.
प्र. के पुनर्गठन से पूर्व भी पंचायती राज व्यवस्था लागू थी,
किन्तु यह व्यवस्था अलग-अलग क्षेत्रों एवं रियासतों में पृथक-पृथक
थी। जैसे- महाकौशल, विंध्यप्रदेश, मध्यभारत,
भोपाल में भिन्न-भिन्न प्रकार की पंचायतीराज व्यवस्था कार्यरत् थी। (panchayati
raj mp in hindi)
पृथक-पृथक
प्रचलित व्यवस्था को एकीकृत करने के उद्देश्य से म. प्र. सरकार ने काशीप्रसाद पाण्डे
की अध्यक्षता में सन् 1957 में एक सुधार समिति का गठन किया। इस समिति ने सन् 1958
में अपनी प्रतिवेदन में बलवन्तराय मेहता मॉडल के अनुरुप त्रि-स्तरीय पंचायत राज की
स्थापना की सिफारिश की। (madhya pradesh me panchayati raj
vyavastha)
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म. प्र. पंचायत
राज अधिनियम, 1962 (MP
Panchayti Raj Adhiniyam, 1962)
1
नवंबर,
1956 के पूर्व के मध्यप्रदेश में विंध्यप्रदेश, महाकौशल व मध्यभारत तीनों में ही पृथक-पृथक पंचायत अधिनियम प्रचलित थे। इन
नियमों को एकीकरण की दृष्टि से व समान पंचायत व्यवस्था के उद्देश्य से सन् 1962
में प्रथम बार मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनिम लागू किया गया था। जिसे 11 जुलाई,
1962 को राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई।
इस अधिनियम में निम्न
प्रावधान किये गये थे-
·
साधारणतः 1000 की
जनसंख्या वाले ग्राम अथवा ग्राम समूह के लिए एक ग्राम सभा गठित की जायेगी। (panchayati
raj objective question)
·
ग्राम पंचायत के सदस्यों
का चुनाव वयस्क मताधिकार प्रणाली पर आधारित थे।
·
निर्वाचित सदस्यों के
अतिरिक्त सहकारी समिति का अध्यक्ष, दो
महिला सदस्य एवं एक-एक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्य निर्वाचित न होने की
दिशा में मनोनीत किए जायेंगें।
·
अधिनियम के तहत्
प्रत्येक ग्राम पंचायत एक निधि स्थापित करेगी और उसे बनाए रखेगी जो पंचायत निधि
कहलायेगी। (panchayati raj mock test in hindi)
·
इस अधिनियम में यह भी
प्रावधान था कि राज्य शासन अधिसूचना द्वारा किसी जिले को खण्डों में विभाजित कर
प्रत्येक खण्ड के लिए जनपद पंचायत स्थापित कर सकेगी।
म. प्र. पंचायत
राज अधिनियम, 1981 (MP
Panchayti Raj Adhiniyam, 1981)
सन्
1981 में म. प्र. पंचायत राज अधिनियम 1981 पारित किया गया। यह अधिनियम 1962 में आए
म. प्र. पंचायत राज अधिनियम, 1962 में आई कमियों
को दूर करने एवं इसकें भारी भरकम एवं प्रदीर्घ पंचायती राज को सरल एवं संक्षिप्त
बनाने के उद्देश्य से लाया गया था। इसी क्रम में सन् 1988 में 1981 के अधिनियम की
त्रुटियों को दूर करने के लिए म. प्र. पंचायत राज संशोधन अधिनियम 1988 लाया गया।
1988 के संशोधन मे यह प्रावधान किया गया कि पंचायतों के चुनाव के एक वर्ष तक पंचों
एवं सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है। साथ ही सरपंच का
प्रत्यक्ष जनता द्वारा निर्वाचन किया जायेगा।
(panchayati
raj gk in hindi)
सन्
1990 में एक नवीन पंचायत अधिनियम बनाया गया, लेकिन
इसे लागू नहीं किया जा सका। इस प्रकार अनेक एक्ट बने और लागू भी किये गये, लेकिन सभी कुछ कमियों के चलते वे सम्पूर्ण म. प्र. में समान रुप से
पंचायती राज की स्थापना नहीं कर सके। अन्ततः 73वां संविधान संशोधन अधिनियम,
1992 के अनुपालन में म. प्र. सरकार ने म. प्र. पंचायती राज अधिनियम
1993 पारित कर प्रदेश में विधिवत् पंचायती राज की स्थापना की गई।
म.प्र. पंचायती
राज व्यवस्था में 73वें संविधान संशोधन
73वें
संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 की अनुपालना के लिये
मध्यप्रदेश की 10वीं विधानसभा के प्रथम सत्र में 30 दिसम्बर, 1993 को म. प्र. पंचायतीराज अधिनियम 1993 को सदन में प्रस्तुत किया गया।
जिस पर 24 जनवरी, 1994 को राज्यपाल के हस्ताक्षर हुए तथा 25
जनवरी, 1994 को यह प्रभावी हुआ 20 अगस्त 1994 को पूरे राज्य
में लागू किया गया। इस अधिनियम द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के संगठन एवं उनके
कार्य व शक्तियों व्यवस्थित व व्यापक उपबंध किये गये है।
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म. प्र. पंचायती
राज अधिनियम 1993 (MP Panchayti Raj Adhiniyam, 1993)
म. प्र. पंचायती राज अधिनियम 1993 की मुख्य
विशेषताएं निम्नलिखित हैं -
1. संवैधानिक
दर्जा –
73वें
संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा भाग 9 तथा 11
वीं अनुसूची जोड़कर पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है और
उनके अधिकारों को निश्चित किया गया है। (panchayati raj
mp gk)
2. त्रि-स्तरीय
संस्थाएं
अधिनियम द्वारा म.प्र.
में त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की स्थापना की गई है।
अ. ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत,
ब. विकास खण्ड स्तर पर जनपद पंचायत,
स. जिला स्तर पर जिला पंचायत,
3. संरचना
पंचायतों की संरचना का
अधिकार राज्य विधान मण्डल को प्रदान किया गया है।
(1) म. प्र. में 1000 से अधिक जनसंख्या
वाले गांवों में ग्राम पंचायत का गठन किया गया है जिसमें सदस्य संख्या 10-20 के
बीच होती है।
(2) 5000 जनसंख्या पर एक जनपद पंचायत का
गठन किया जाता है, जिसमें सदस्य संख्या
10-25 के बीच होती है। (panchayati raj gk question)
(3) 50,000 जनसंख्या पर एक जिला पंचायत का
गठन किया जाता है जिसमें सदस्य संख्या 10-35 के बीच होती है।
4. पंचायतों
में आरक्षण
पंचायती
राज संस्थाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति को आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात में
प्रदान किया जाता है। यदि अनुसूचित जाति/जनजाति को मिलाकर कुल आरक्षण 50 प्रतिशत
से कम रहता है तो 25 प्रतिशत स्थान पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रखे जाते हैं। कुल
आरक्षित स्थानों में से एक तिहाई (1/3) स्थान अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की
महिलाओं के लिए आरक्षित रखे गए है, किन्तु
30 मार्च, 2007 से पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत
आरक्षण प्रदान कर दिया गया है। पंचायतों के अध्यक्षों के लिए भी अनुसूचित
जाति/जनजाति महिलाओं को आरक्षण प्रदान किया गया है। (mp
panchayati raj gk in hindi)
5. पंचायतों
के प्रमुखों की निर्वाचन प्रक्रिया
सन्
1993 के अधिनियम में ग्राम पंचायत के सरपंच, जनपद
पंचायत के अध्यक्ष एवं जिला परिषद के जिला प्रधान की सीधे निर्वाचन की व्यवस्था की
संविधान में अब यह व्यवस्था की गई है कि ग्राम पंचायत के सरपंच के मामले में
निर्वाचन व्यवस्था राज्य सरकारों के विवेक पर छोड़ दी गई है। जनपद एवं जिला
पंचायतों के मामले में सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली द्वारा तथा
अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन चुने हुए सदस्य अपने में से ही अप्रत्यक्ष
पद्धति द्वारा किया किया जाएगा। सभी पंचयती राज संस्थाओं का निर्वाचन 5 वर्ष के
लिए होगा किन्तु इन्हें निश्चित अवधि के पहले भी भंग किया जा सकता है।
6. कार्यकाल
का विनिश्चय तथा निर्वाचन
समस्त
पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है, जब
तक समय के पूर्व किसी पंचायत को विधि की प्रक्रिया द्वारा विघटित न कर दिया जाये।
विघटित होने की दशा में 6 माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक है। (mp
panchayati raj vyavastha in hindi)
7. राज्य
निर्वाचन आयोग का गठन
पंचायतों
के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है। म. प्र. में जनवरी,
1994 में श्री लोहानी की अध्यक्षता में प्रथम राज्य निर्वाचन आयोग
का गठन किया गया तथा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा द्वारा प्रथम बार 15 अप्रैल,
1994 को पंचायतों के चुनावों की अधिसूचना जारी हुई और अधिसूचना के
बाद 23 मई, 1994 को मध्यप्रदेश के 10 जिलो में 30 मई,
1994 को 13 जिलों में और 7 जून, को 14 जिलों
में चुनाव सम्पन्न कराए गए थे। (panchayati raj gk
question in hindi)
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8. पंचायतों
के कार्यकारी अधिकारियों की स्थिति
ग्राम
पंचायतों को उसके कार्यों में सहायता प्रदान करने के लिए पंचायत सचिव होता है।
उसकी नियुक्ति ग्राम पंचायत द्वारा की जाती है। जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन
अधिकारी बी. डी. ओ. होता है। म प्र. में इसके लिए अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त के
पद का सृजन किया गया है। जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी सचिव होता है।
जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है। ये अपनी पंचायतों द्वारा लिए
निर्णयों को क्रियान्वित करते हैं।
9. वित्तीय
स्थिति
पंचायती
राज संस्थाओं को कुछ कर जैसे- मकान कर, लगान कर,
दुकानों पर कर आदि लगाने का अधिकार प्रदान किया गया है। राज्य सरकार
द्वारा इन्हें अनुदान प्रदान किया जाता है, साथ ही ये
संस्थाएं राज्य सरकार की पूर्व अनुमति से ऋण भी ले सकती है। (panchayat
raj adhiniyam 1993 in hindi)
10.राज्य
वित्त आयोग का गठन
पंचायतों
की आर्थिक-स्थिति में सुधार से संबंधित सिफारिश देने के लिए हर पांचवे वर्ष
राज्यपाल द्वारा राज्य वित्त आयोग के गठन का प्रावधान किया गया। म. प्र. से इसकी
स्थापना जुलाई, 1994 में की गई। यह राज्य की संचित निधि से पंचायतों को दिये जाने
वाले अनुदान तथा राज्य एवं पंचायतों के बीच विभाजनीय करों के सम्बन्ध में सिफारिश करता है।
11.लेखा
सम्परीक्षा
पंचायतों
के लेख रखने, लेखाओं की जांच के सम्बन्ध में विधि
बनाने का अधिकार राज्य विधामण्डल को दिया गया है। म. प्र. में यह अधिकार लेखा
परीक्षक को प्रदान किया गया है। (madhya pradesh
panchayati raj adhiniyam)
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मध्यप्रदेश में
त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था (MP Me Tristariya
Panchayti Raj Vyavastha)
म.प्र.
पंचायती राज अधिनियम 1993 के अनुसार पंचायती राज के तीन स्तर है सभी तीनों स्तरों
का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है जिनका विवरण निम्न प्रकार है।
ग्राम पंचायत (Gram
Panchayat)
o
एक हजार से अधिक आबादी
वाले गांव में एक ग्राम पंचायत गठित की जायेंगी।
o
इसकी सदस्य संख्या
न्यूनतम 10 व अधिकतम 20 हो सकती है।
o
1000 से अधिक आबादी वाले
गांव में एक ग्राम पंचायत गठित की जायेगी।
o
वर्तमान में मध्यप्रदेश
में 23,012 ग्राम पंचायतें है। (mp me gram panchayat kitni hai)
o
ग्राम पंचायत का मुखिया
सरपंच होता है।
o
इसका मुखिया सरपंच व
सदस्य पंच प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा व उप-सरपंच अप्रत्यक्ष रूप से पंचों
द्वारा निर्वाचित होते है।
o
ग्राम पंचायते अपने गांव
की सफाई,
पेयजल व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, आँगनवाड़ी का संचालन, ग्रामीण विकास कार्यक्रमों की
निगरानी आदि का कार्य करती है।
o
पंयाचत सचिव,
पंचायत द्वारा नियुक्त शासकीय कर्मचारी होता है।
o
सरपंच,
उपसरपंच को अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है। (panchayati
raj gk in hindi)
o
सरपंच,
पंच और उपसरंपच और ग्राम के सदस्य मतदाता होते है।
o
ग्राम पंचायत का
राजनैतिक प्रमुख ‘सरपंच‘ होता है।
o
Right to Recall का अधिकार
जनता को दिया गया है। (panchayati raj vyavastha in hindi)
o
Right to Recall में सरपंच
निर्वाचित होने के 2 वर्ष बाद 2/3 बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है।
o
इसका प्रथम प्रयोग शहडोल
जिले की अनूपपुर तहसील की पल्लविका पटेल को इसी अधिकार द्वारा जनता द्वारा
हटाया गया था।
o
म. प्र. पहला राज्य है,
जिनसे स्थानीय निकायों में Right to Recall का
प्रावधान किया।
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जनपद पंचायत
(Janpad Panchayat)
o
यह मध्य स्तर है,
जिसका गठन विकासखण्ड पर होता है।
o
5 हजार से अधिक आबादी
वाले विकासखण्ड में एक जनपद पंयाचत का गठन किया जाता है
o
इसकी सदस्य संख्या 10 से
35 होती है।
o
प्रदश में वर्तमान में
313 जनपद पंचायतें है। (mp
me janpad panchayat kitni hai)
o
सदस्यों का चुनाव
प्रत्यक्ष रुप से जनता द्वारा जबकि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रुप
से सदस्यों द्वारा किया जाता है।
o
इसके अतिरिक्त इसके पदेन
सदस्य के रुप में सरपंच, विधायक और सांसद होते
है।
o
सहकारी बैंकों का
अध्यक्ष सहयोजित सदस्य होता है।
o
जनपद पंचायत का राजनैतिक
प्रमुख ‘जनपद अध्यक्ष‘ होता है।
o
जनपद पंचायत का मुख्य
प्रशासकीय अधिकारी CEO होता है, जो राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयन होता है। (panchayati
raj vyavastha mp)
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जिला पंचायत (Zila
Panchayat)
o
50 हजार या अधिक आबादी
वाले क्षेत्र में एक जिला पंचायत का गठन किया जाता है।
o
सदस्य जनता द्वारा
प्रत्यक्ष रुप से व अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का निर्वाचन सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष
रुप से किया जाता है।
o
कलेक्टर पदेन सदस्य होता
है।
o
इसके पदेन सदस्य के रुप
में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विधायक व सांसद होते
है।
o
प्रदेश में वर्तमान में
51 जिला पंचायतें है। (mp me jila panchayat kitni hai)
o
इसकी सदस्य संख्या 10 से
35 होती है, जिन्हें प्रत्यक्ष रुप से चुना जाता
है।
o
संसद,
विधायक पदेन सदस्य होते है। जनपद अध्यक्ष भी इसका सदस्य होता है।
o
जिला पंचायत का राजनैतिक
प्रमुख ‘जिला पंचायत अध्यक्ष‘ होता है।
o
Right to Recall का अधिकार
जनता का है।
o
अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के पद
अप्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाते है।
o
कार्यकारी अधिकारी एक IAS होता है, जो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता
है। (panchayati raj mp)
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पंचायती राज व्यवस्था
से संबंद्धित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
o
म.प्र. देश का पहला राज्य है, जिसने 26 जनवरी 2001 से ग्राम स्वराज
योजना लागू की गई।
o
चुनाव संबंधी कार्यों के लिये 1
फरवरी 1994 को मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग का
गठन किया गया। जो इन तीनों स्तरों के चुनाव का कार्य
करवाता है। (mp
me panchayati raj kab lagu hua)
o
राज्य
निर्वाचन आयोग के प्रथम अध्यक्ष श्री एम. वी. लोहानी थे।
o
मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत मध्य प्रदेश
में प्रथम
चुनाव मार्च – अप्रैल 1994 में हुए।
o
मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के वर्तमान
अध्यक्ष आर. परशुराम हैं।
o
मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के वर्तमान
सचिव सुनीता त्रिपाठी हैं।
o
पंचायतों को राज्य शासन से वित्त उपलब्ध करानें हेतु मध्य –प्रदेश वित्त
आयोग का गठन प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर किया जाता है।
o
तीनों स्तरों पर SC,
ST, OBC व महिलाओं के लिये आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है।
o जिस खण्ड या
क्षेत्र में अनुसूचित जाति व जनजाति की जनसंख्या 50% से कम है वहाँ 25%
सरपंच पद अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए होगा।
(mp me tristariya panchayati raj)
o जिस जिले में
अनुसूचित जाति–जनजाति की जनसंख्या 50% से कम
है वहाँ 25% जनपद अध्यक्षों के पद अन्य पिछड़े वर्गों के लिए
आरक्षित होंगे।
o राज्य में 20% स्थान
जिला पंचायत अध्यक्षों के पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होंगे।
o जिस पंचायत
में प्रमुख अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या पिछड़ा वर्ग का नहीं होगा,
तो वहाँ का उपप्रमुख इन्हीं वगों में से निर्वाचित किया जाएगा।
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o वर्ष 2006-07 से पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया।
इसके पहले 33% आरक्षण था।
o
73
वाँ संविधान संशोधन लागू करने वाला म.प्र. प्रथम राज्य
था। (panchayati
raj mock test)
o
1907
में सर्वप्रथम दतिया में नगरपालिका का गठन किया गया था।
o
1929
में इंदौर, ग्वालियर एवं नरसिंहगढ़ में पंचायतें
स्थापित की गई।
o
25
जनवरी को प्रतिदिन मतदाता दिवस मनाया जाता है।
o
पंचायती राज में 29 विषय सम्मलित हैं।
o
1962 में सर्वप्रथम पंचायत अधिनियम बना था।
o
73वाँ
संविधान संशोधन 1992 में लागू हुआ।
o
म.प्र.
में 30 दिसम्बर 1993 को म.प्र.
पंचायती राज अधिनियम 1993 रखा गया। (panchayati raj mcq in hindi)
o
25 जनवरी 1994 को मध्यप्रदेश में लागू हुआ।
o
म.प्र.
में 25 जनवरी को प्रतिवर्ष मतदाता
दिवस मनाया जाता है।
o
विधिवत
पंचायती राज प्रारम्भ करने वाला देश का प्रथम राज्य मध्यप्रदेश 1994 है।
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o प्रदेश में नई संवैधानिक
व्यवस्था के अंतर्गत त्रि – स्तरीय
पंचायतों का चुनाव करवाने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बन गया।
o पंचायतों को दलीय भावना और
दलीय दोष से दूर रखने के लिए पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं।
o Right To Recall का
प्रथम प्रयोग जिले अनूपपुर
तहसील की पल्लविका पटेल को इसी अधिकार द्वारा जनता द्वारा हटाया गया था। (mp
me panchayati raj vyavastha)
o 2 फरवरी 2006 से मनरेगा (महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना) म.प्र. में लागू।
o ग्राम सभा बैठक प्रतिमाह
ग्राम सभा की सुविधानुसार सम्पन्न होती है। बैठक के लिए न्यूनतम कोरम 20% होना अनिवार्य
है। कोरम में एक तिहाई महिला एवं SC, ST के सदस्यों का
उपस्थित होना आवश्यक माना गया है।
o Right to Recall के
माध्यम से वापस बुलाने का अधिकार दिया गया जो निर्वाचित होने के दो वर्ष बाद ही 2/3
बहुमत से सम्भव होता है।
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पंचायती
राज से संबंधित महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न (40
Important Question of Panchayati Raj)
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1. मध्यप्रदेश में हैं
2. मध्यप्रदेश पंचायती राज अधिनियम किस वर्ष में पारित हुआ था ?
3. मध्यप्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के लिए चुनाव कराने का दायित्व है।
4. मध्यप्रदेश में कुल ग्राम पंचायतें कितनी है ?
5. मध्यप्रदेश में कितनी जनपद पंचायतें है ?
6. पंचायत के सरपंच का चुनाव कैसे होता है ?
7. मध्यप्रदेश राजस्व मण्डल का न्यायिक मुख्यालय कहां स्थित है ?
8. जिले का सर्वोच्च राजस्व अधिकारी होता है।
9. एक पटवारी का सीधा सम्बन्ध किससे होता है ?
10. मध्यप्रदेश के भूमि क्षेत्र को कितने जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है ?
11. राज्य और जिले के बीच समन्वयक कौन होता है ?
12. अनुसूचित जातियों के लिए पंचायतों में आरक्षण हेतु विधि बनाने का अधिकार किसे है ?
13. 'पंचायतों के गठन' का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है ?
14. मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में क्या शामिल नहीं है ?
15. 73वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा महिलाओं के लिए कितना आरक्षण है ?
16. 73वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल कितना है ?
17. मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण विकास संस्थान विद्यमान है।
18. मध्यप्रदेश शासन का सर्वोच्च प्रशिक्षण संस्थान है।
19. मध्यप्रदेश में 'ग्राम सभा' की बैठक बुलाने के लिए कौन अधिकृत है ?
20. मध्यप्रदेश में पंचायती राजव्यवस्था कितने स्तर की है ?
21. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस .......... को मनाया जाता है।
22. मध्यप्रदेश में 'कामधेनू योजना' का क्या उद्देश्य है ?
23. मध्यप्रदेश में पंचायतों में अन्य पिछडे़ वर्गों के लिए कितने प्रतिशत सीटें आरक्षित है ?
24. राज्यों में कौन सा प्राधिकरण पंचायत चुनाव करवाता है ?
25. मध्यप्रदेश में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉइल साइंसेज़ (भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान) कहां स्थित है ?
26. ग्राम न्यायालय का गठन ......... में किया गया था।
27. मध्यप्रदेश में पहली ISO प्रमाणित ग्राम पंचायत कौन सी है ?
28. मध्यप्रदेश में नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड की प्रोडक्शन यूनिट कहां स्थित है ?
29. मध्यप्रदेश में स्थापित फूड पार्क का प्राथमिक उद्देश्य क्या है ?
30. पंचायती राज संस्थानों की अवधि कितनी है ?
31. मध्यप्रदेश में, एक वर्ष में कम से कम ग्राम सभा की कितनी बैठक बुलाई जा सकती है ?
32. त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था प्रारंभ करने हेतु मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम कब पारित हुआ ?
33. मध्यप्रदेश के किस सिंचाई परियोजना को शहीद चंद्रशेखर आज़ाद सागर परियोजना के नाम से जाना जाता है ?
34. मध्यप्रदेश में सेंट्रल सीमेन स्टेशन कहां स्थित है ?
35. मध्यप्रदेश में ग्राम स्वराज योजना कब प्रारम्भ हुई ?
36. मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैः
37. मध्यप्रदेश सिंचाई अधिनियम ........ में अधिनियमित किया गया था।
38. मध्यप्रदेश का सबसे अच्छा गुणवत्ता वाला गेहूं कौन सा है ?
39. पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन के लिए उत्तरदायी है।
40. पंचायती राज की आधारशिला है।
Fantastic... Mja aa gya
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