बौद्ध धर्म | बौद्ध धर्म का परिचय | बौद्ध धर्म का सामान्‍य ज्ञान

बौद्ध धर्म | बौद्ध धर्म का परिचय | बौद्ध धर्म का सामान्‍य ज्ञान

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बौद्ध धर्म | बौद्ध धर्म का परिचय | बौद्ध धर्म का सामान्‍य ज्ञान

हेलो दोस्‍तों,
Studyfundaaa द्वारा आप सभी को प्रतिदिन प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित जानकारी Share की जाती है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रत्‍येक Competitive Exams में बौद्ध धर्म से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. आज इस पोस्ट में हम आपके समक्ष जो जानकारी share कर रहे हैं वह बौद्ध धर्म | बौद्ध धर्म का परिचय | बौद्ध धर्म का सामान्‍य ज्ञान की है. यह पोस्ट विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है 


गौतम बुद्ध से संबंधित महत्‍वपूर्ण तथ्‍य (
Important points about gautam buddha)

बौद्ध धर्म | बौद्ध धर्म का परिचय | बौद्ध धर्म का सामान्‍य ज्ञान

 
बौद्ध धर्म की स्‍थापना (baudh dharm ki sthapna)

वैदिक सभ्‍यता के उपरान्‍त भारत में हिन्‍दु धर्म से कई अन्‍य धर्मों की उत्‍पत्ति हुई, जिनमें से एक धर्म बौद्ध धर्मथा। जिसकी स्‍थापना गौतम बुद्ध ने की थी, इस धर्म को आगे इनके अनुयायियों के द्वारा बढ़ाया गया, वैदिक काल से अलग हटकर इन्‍होंने अपनी भाषा पालीको अपनाया। आज बौद्ध धर्म विश्‍व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म को मानने वाले ज्‍यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते है। (baudh dharm ki sthapna kisne ki)

फोटो - गौतम बुद्ध 
बुद्ध का परिचय (buddha ka parichay)

भगवान बुद्ध को गौतम बुद्ध, सिद्धार्थ और तथागत भी कहा जाता है। ‍बुद्ध के पिता कपिलवस्तु के राजा 'शुद्धोधन' थे और इनकी माता का नाम महारानी 'महामाया देवी' था। बुद्ध की पत्नी का नाम 'यशोधरा' और पुत्र का नाम 'राहुल' था। वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में ईसा पूर्व 563 को हुआ। इसी दिन 528 ईसा पूर्व उन्होंने भारत के बिहार स्थित बोधगया में सत्य को जाना और इसी दिन वे 483 ईसा पूर्व को 80 वर्ष की उम्र में भारत के कुशीनगर में निर्वाण (मृत्यु) को प्राप्‍त हुए।(bodh dharm in hindi)

बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य (baudh dharm ke 4 arya satya in hindi)

तथागत बुद्ध का पहला धर्मोपदेश, जो उन्होने अपने साथ के कुछ साधुओं को दिया था, इन चार आर्य सत्यों के बारे में था। बुद्ध ने चार आर्य सत्य बताये हैं।

1. दुःख

इस दुनिया में दुःख है। जन्म में, बूढे होने में, बीमारी में, मौत में, प्रियतम से दूर होने में, नापसंद चीज़ों के साथ में, चाहत को न पाने में, सब में दुःख है।

2. दुःख कारण

तृष्णा, या चाहत, दुःख का कारण है और फ़िर से सशरीर करके संसार को जारी रखती है।

3. दुःख निरोध

दुःख-निरोध के आठ साधन बताये गये हैं जिन्हें अष्टांगिक मार्गकहा गया है। तृष्णा से मुक्ति पाई जा सकती है।

4. दुःख निरोध का मार्ग

तृष्णा से मुक्ति अष्टांगिक मार्ग के अनुसार जीने से पाई जा सकती है। (baudh dharm ke 4 arya satya kaun kaun se hain)

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बौद्ध धर्म के अष्टांगिक मार्ग (baudh dharm ke astangik marg)

बौद्ध धर्म के अनुसार, चौथे आर्य सत्य का आर्य अष्टांग मार्ग है दुःख निरोध पाने का रास्ता। गौतम बुद्ध कहते थे कि चार आर्य सत्य की सत्यता का निश्चय करने के लिए इस मार्ग का अनुसरण करना चाहिए :

1. सम्यक् दृष्टि वस्तुओं के यथार्थ स्वरूप को जानना ही सम्यक् दृष्टि है।

2. सम्यक् संकल्प आसक्ति, द्वेष तथा हिंसा से मुक्त विचार रखना ही सम्यक् संकल्प है।

3. सम्यक् वाक् सदा सत्य तथा मृदु वाणी का प्रयोग करना ही सम्यक् वाक् है।

4. सम्यक् कर्मान्त इसका आशय अच्छे कर्मों में संलग्न होने तथा बुरे कर्मों के परित्याग से है।

5. सम्यक् आजीव विशुद्ध रूप से सदाचरण से जीवन-यापन करना ही सम्यक् आजीव है।

6. सम्यक् व्यायाम अकुशल धर्मों का त्याग तथा कुशल धर्मों का अनुसरण ही सम्यक् व्यायाम है।

7. सम्यक् स्मृति इसका आशय वस्तुओं के वास्तविक स्वरूप के संबंध में सदैव जागरूक रहना है।

8. सम्यक् समाधि – चित्त की समुचित एकाग्रता ही सम्यक् समाधि है।

कुछ लोग आर्य अष्टांग मार्ग को पथ की तरह समझते है, जिसमें आगे बढ़ने के लिए, पिछले के स्तर को पाना आवश्यक है। और लोगों को लगता है कि इस मार्ग के स्तर सब साथ-साथ पाए जाते है। मार्ग को तीन हिस्सों में वर्गीकृत किया जाता है : प्रज्ञा, शील और समाधि। (baudh dharm ke astangik marg ke naam bataen)

बौद्ध धर्म के पंचशील सिद्धांत (baudh dharm ke panchsheel siddhant)

भगवान बुद्ध ने अपने अनुयायिओं को पांच शीलों का पालन करने की शिक्षा दी है।

1. अहिंसा

2. अस्तेय

3. अपरिग्रह

4. सत्य

5. सभी नशा से विरत

बौद्ध धर्म के मुख्‍यतीर्थ (baudh dharm ke mukhya tirth)

भगवान बुद्ध के अनुयायीओं के लिए विश्व भर में पांच मुख्य तीर्थ मुख्य माने जाते हैं :

1. लुम्बिनी – जहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ।

2. बोधगया – जहां बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त हुआ।

3. सारनाथ – जहां से बुद्ध ने दिव्यज्ञान देना प्रारंभ किया।

4. कुशीनगर – जहां बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ।

5. दीक्षाभूमि, नागपुर – जहां भारत में बौद्ध धर्म का पुनरूत्थान हुआ।

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बौद्ध धर्म से संबंधित महत्‍वपूर्ण स्‍थान

लुम्बिनी

माया देवी मंदिर, लुंबिनीनेपाल

ईसा पूर्व 563 में राजकुमार सिद्धार्थ गौतम (बुद्ध) का जन्म यहीं हुआ था। हालांकि, यहां के बुद्ध के समय के अधिकतर प्राचीन विहार नष्ट हो चुके हैं। केवल सम्राट अशोक का एक स्तंभ अवशेष के रूप में इस बात की गवाही देता है कि भगवान बुद्ध का जन्म यहां हुआ था। इस स्तंभ के अलावा एक समाधि स्तूप में बुद्ध की एक मूर्ति है। नेपाल सरकार ने भी यहां पर दो स्तूप और बनवाए हैं। (lumbini kahan sthit hai)

बोधगया

महाबोधि बिहारबोधगया

लगभग छह वर्ष तक जगह-जगह और विभिन्न गुरुओं के पास भटकने के बाद भी बुद्ध को कहीं परम ज्ञान न मिला। इसके बाद वे गया, बिहार पहुंचे। आखिर में उन्होंने प्रण लिया कि जब तक असली ज्ञान उपलब्ध नहीं होता, तब तक वह पिपल वृक्ष के नीचे से नहीं उठेंगे, चाहे उनके प्राण ही क्यों न निकल जाएं। इसके बाद उन्‍होंने करीब छह साल तक दिन रात एक पीपल वृक्ष के नीचे भूखे-प्यासे तप किया। अंत में उन्हें परम ज्ञान या बुद्धत्व प्राप्‍त हुआ। जिस पिपल वृक्ष के नीचे वह बैठे, उसे बोधि वृक्ष अर्थात् 'ज्ञान का वृक्ष' कहलाया। वहीं गया को बोधगया के नाम से जाना जाता है। (bodhgaya kahan sthit hai)

सारनाथ

धामेक स्तूप के पास प्राचीण बौद्ध मठसारनाथउत्तर प्रदेशभारत

सारनाथ में बौद्ध-धर्मशाला है। यह बौद्ध तीर्थ है। भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था। सदियों पहले इसी स्थान से उन्होंने धर्म-चक्र-प्रवर्तन प्रारंभ किया था। बौद्ध अनुयायी सारनाथ के मिट्टी, पत्थर एवं कंकरों को भी पवित्र मानते हैं। सारनाथ की दर्शनीय वस्तुओं में अशोक का चतुर्मुख सिंह स्तंभ, भगवान बुद्ध का प्राचीन मंदिरधामेक स्तूपचौखंडी स्तूप, आदि शामिल हैं। (sarnath kahan sthit hai)

कुशीनगर

महापरिनिर्वाण स्तूपकुशीनगरउत्तर प्रदेशभारत

कुशीनगर बौद्ध अनुयायीओं का बहुत बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है। भगवान बुद्ध कुशीनगर में ही महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए। कुशीनगर के समीप हिरन्यवती नदी के समीप बुद्ध ने 80 वर्ष की आयु में आखरी सांस ली। रंभर स्तूप के निकट उनका अंतिम संस्कार किया गया। (kushinagar kahan hai)

दीक्षाभूमि

दीक्षाभूमिनागपुरमहाराष्ट्रभारत

दीक्षाभूमि, नागपुर महाराष्ट्र राज्य के नागपुर शहर में स्थित पवित्र एवं महत्त्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थल है। यहीं पर डॉ॰ बाबासाहेब अम्बेडकर ने 14 अक्टूबर1956 को विजयादशमी दशहरा के दिन पहले स्वयं अपनी पत्नी डॉ- सविता अम्बेडकर के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली और फिर अपने 5,00,000 हिंदू दलित समर्थकों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। 1956 से आज तक हर साल यहाँ देश-विदश से 20 से 25 लाख बुद्ध और बाबासाहेब के बौद्ध अनुयायी दर्शन करने के लिए आते है। (dikshabhumi kaha hai)


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बौद्ध धर्म के अनुयायी (baudh dharm ke anuyayi)

ह्वेन त्सांग

भारत में ह्वेन त्सांग ने बुद्ध के जीवन से जुड़े सभी पवित्र स्थलों का भ्रमण किया और उपमहाद्वीप के पूर्व एवं पश्चिम से लगे इलाक़ो की भी यात्रा की। उन्होंने अपना अधिकांश समय नालंदा मठ में बिताया, जो बौद्ध शिक्षा का प्रमुख केंद्र था, जहाँ उन्होंने संस्कृतबौद्ध दर्शन एवं भारतीय चिंतन में दक्षता हासिल की। इसके बाद ह्वेन त्सांग ने अपना जीवन बौद्ध धर्मग्रंथों के अनुवाद में लगा दिया जो 657 ग्रंथ थे और 520 पेटियों में भारत से लाए गए थे। इस विशाल खंड के केवल छोटे से हिस्से (1330 अध्यायों में क़रीब 73 ग्रंथ) के ही अनुवाद में महायान के कुछ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ शामिल हैं। (baudh dharm ke anuyayi kaun the)

मिलिंद (मिनांडर)

उत्तर-पश्चिम भारत का 'हिन्दी-यूनानी' राजा 'मनेन्दर' 165-130 ई. पू. लगभग ( भारतीय उल्लेखों के अनुसार 'मिलिन्द') था। प्रथम पश्चिमी राजा जिसने बौद्ध धर्म अपनाया और मथुरा पर शासन किया। भारत में राज्य करते हुए वह बौद्ध श्रमणों के सम्पर्क में आया और आचार्य नागसेन से उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। बौद्ध ग्रंथों में उसका नाम 'मिलिन्द' आया है। 'मिलिन्द पञ्हो' नाम के पालि ग्रंथ में उसके बौद्ध धर्म को स्वीकृत करने का विवरण दिया गया है। मिनान्डर के अनेक सिक्कों पर बौद्ध धर्म के 'धर्मचक्र' प्रवर्तन का चिह्न 'धर्मचक्र' बना हुआ है, और उसने अपने नाम के साथ 'ध्रमिक' (धार्मिक) विशेषण दिया है। (baudh dharm ke anuyayi shasak)

अशोक

सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है। जीवन के उत्तरार्ध में अशोक गौतम बुद्ध के भक्त हो गए और उन्हीं (महात्मा बुद्ध) की स्मृति में उन्होंने एक स्तम्भ खड़ा कर दिया जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल-लुम्बिनी में मायादेवी मन्दिर के पास अशोक स्‍तम्‍भ के रूप में देखा जा सकता है। उसने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशियामिस्र तथा यूनान में भी करवाया। अशोक के अभिलेखों में प्रजा के प्रति कल्याणकारी द्रष्टिकोण की अभिव्यक्ति की गई है। (gautam buddha ka janam kab hua tha)

फ़ाह्यान

फ़ाह्यान का जन्म चीन के 'वु-वंग' नामक स्थान पर हुआ था। यह बौद्ध धर्म का अनुयायी था। उसने लगभग 399 ई. में अपने कुछ मित्रों 'हुई-चिंग', 'ताओंचेंग', 'हुई-मिंग', 'हुईवेई' के साथ भारत यात्रा प्रारम्भ की। फ़ाह्यान की भारत यात्रा का उदेश्य बौद्ध हस्तलिपियों एवं बौद्ध स्मृतियों को खोजना था। इसीलिए फ़ाह्यान ने उन्हीं स्थानों के भ्रमण को महत्त्व दिया, जो बौद्ध धर्म से सम्बन्धित थे। (gautam buddha ki mrityu kab hui)

कनिष्क

कुषाण राजा कनिष्क के विशाल साम्राज्य में विविध धर्मों के अनुयायी विभिन्न लोगों का निवास था, और उसने अपनी प्रजा को संतुष्ट करने के लिए सब धर्मों के देवताओं को अपने सिक्कों पर अंकित कराया था। पर इस बात में कोई सन्देह नहीं कि कनिष्क बौद्ध धर्म का अनुयायी था, और बौद्ध इतिहास में उसका नाम अशोक के समान ही महत्त्व रखता है। आचार्य अश्वघोष ने उसे बौद्ध धर्म में दीक्षित किया था। इस आचार्य को वह पाटलिपुत्र से अपने साथ लाया था, और इसी से उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। (gautam buddha ki mata ka naam)

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बौद्ध संगीति (बौद्ध सभाये) (baudh dharm ki sangiti)

बौद्ध धर्म | बौद्ध धर्म का परिचय | बौद्ध धर्म का सामान्‍य ज्ञान

बौद्ध धर्म के महत्‍वपूर्ण तथ्‍य (bodh dharm important facts in hindi)

·        बौद्ध धर्म के संस्‍थापक गौतम बुद्ध थे

·        गौतम बुद्ध को एशिया का ज्‍योति पुंज भी कहा जाता है

·        गौतम बुद्ध का जन्‍म नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्‍तु के समीप लुम्‍बिनी ग्राम में हुआ था

·        इनकी माता का नाम महामाया था (gautam buddha ki patni ka naam)

·        इनके पिता का नाम शुद्धोधन था

·        जो शाल्‍क क्षत्रि‍य कुल के राजा थे

·        इनकी माता की मृत्‍यु इनके जन्‍म के सातवें दिन हो गई थी

·        इनका पालन पोषण इनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया था‍

·        गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था

·        इनके पुत्र का नाम राहुल था

·        गौतम बुद्ध का विवाह 16 वर्ष की आयु यशोधरा से कर दिया गया

·        गौतम बुद्ध ने 29 वर्ष की अवस्‍था में गृह त्‍याग दिया था (gautam buddha ke updesh)

·        गौतम बुद्ध की गृह त्‍यागने की धटना को महाभिनिष्‍क्रमण कहा जाता है

·        बुद्ध के सारथी का नाम चाण तथा घोडे का नाम कन्‍थक था

·        गृह त्‍याग ने बाद बुद्ध ने वैशाली के आलारकलाम से सांख्‍य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की थी

·        बुद्ध ने गया जाकर एक पीपल के वृक्ष के नीचे समाधि लगाई थी

·        समाधि लगाने के आठवें दिन यानि वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी

·        ज्ञान प्राप्ति के पश्‍चात गया में ही महात्‍मा बुद्ध ने दो बंजारों तपस्‍तु और मल्लिक को अपना सेवक बना लिया था। (gautam buddha ke pita ka naam)

·        जिस स्‍थान पर बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी वह स्‍थान बोधगया के नाम से प्रसिद्ध है

·        गौतम बुद्ध ने प्रथन उपदेश सारनाथ में दिया था

·        जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्र प्रवर्तन कहा जाता है

·        गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश जनसाधारण की भाषा पलि में दिये थे

·        गौतम बुद्ध ने उपदेश कोसल, वैशाली, कौशाम्‍बी, एवं अन्‍य राज्‍यो में दिये थे

·        गौतम बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश कोसल देश की राजधानी श्रावस्‍ती में दिये थे (gautam buddha ke bachpan ka naam)

·        बौद्ध धर्म को ग्रहण करने वाली प्रथम महिला प्रजापति गौतमी थी

·        इनके प्रमुख अनुयायी शासक बिम्बिसार, प्रसेनजित तथा उदयन थे

·        सर्वप्रथम मगध का राजा बिम्बिसार बौद्ध धर्म का अनुयायी बना था

·        भारत में पूजित पहली प्रतिमा महात्‍मा बुद्ध की है

·        गौतम बुद्ध की मृत्‍यु 80 वर्ष की अवस्‍था में कुशीनगर में हो गई थी

·        बौद्ध धर्म में पुनर्जन्‍म की मान्‍यता है

·        जिसे बौद्ध ग्रंथों में महापरिनिर्वाण कहा जाता है

·        बुद्ध की मृत्‍यु के पश्‍चात उनके शरीर के अवशेषों को आठ भागों में बॉटकर उन पर आठ स्‍तूपों का निर्माण कराया था। (gautam buddha ke putra ka naam)

·        गृहस्‍थ जीवन में रहकर ही बौद्ध धर्म को मानते वाले लागों को उपासक कहा जाता है

·        गृहस्‍थ जीवन का त्‍याग प्रवज्‍या कहलाता था तथा प्रवज्‍या ग्रहण करने वाले को श्रामणेर कहा जाता है

·        हीनयान बौद्ध धर्म का प्रमुख सम्प्रदाय है (gautam buddha ke putra ka naam)

·        बौद्ध धर्म में तीन सम्प्रदाय हीनयान या थेरवाद, महायान और वज्रयान हैं

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बौद्ध धर्म से संबंधित One liner प्रश्‍न (Bodh Dharm GK in hindi)

·         बौद्ध धर्म के संस्थापक कौन थे - गौतम बुद्ध

·         गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था- 563 ई.पू.

·        गौतम बुद्ध के पिता का नाम क्या था - शुद्धोधन

·         आजीवक संप्रदाय की स्थापना किसने की थी? - मक्खलिगोशाल

·         Light of Asia के नाम से किसे जाना जाता है- महात्मा बुद्ध

·         अशोक को बौद्ध धर्म में किसने दीक्षित किया था? - मोगलीपुत्त तिस्स

·         कुल कितनी बौद्ध संगीतियों का आयोजन किया गया4 बौद्ध संगीतियां

·         गौतम बुद्ध का जन्म स्थान कहाँ था - लुम्बिनी

·         सिद्धार्थ का गौत्र क्या थागौतम

·         महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम क्या था- सिद्धार्थ

·         महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम गुरु किसे बनाया था- गुरु आलारकलाम

·         महात्मा बुद्ध ने तृष्णा की घटना को क्या कहा था- निर्वाण

·         वैशाख पूर्णिमा किस नाम से विख्यात है- बुद्ध पूर्णिमा

·         महात्मा बुद्ध ने अपने उपदेश किस भाषा में दिये थे- पालि भाषा

·         महात्मा बुद्ध के गृह त्याग की घटना क्या कहलाती है- महाभिनिष्क्रमण 

·         महात्मा बुद्ध की माता का नाम क्या था- मायादेवी

·         महात्मा बुद्ध की शौतेली माता का नाम क्या था- प्रजापति गौतमी जी 

·         भारत से बाहर बौद्ध धर्म को फैलाने वाले सम्राट कौन थे- सम्राट अशोक

·         बुद्ध के प्रथम उपदेश देने की घटना को क्या गया- धर्मचक्रप्रवर्तन

·         बुद्धकाल में वाराणसी क्यों प्रसिद्ध था- हाथी दाँत के लिए

·         बौद्ध धर्म के त्रिरत्न कौन से हैं- बुद्ध, धम्म और संघ

·         बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहाँ दिया था- सारनाथ में

·         बुद्ध ने कितने वर्ष की अवस्था में गृह त्याग किया था- 29 वर्ष की आयु में

·         बुद्ध की प्रथम मूर्ति कहाँ बनायी गई- मथुरा में

·         गौतम बुद्ध के प्रथम दो अनुयायी कौन थे- काल्लिक तथा तपासु

·         गौतम बुद्ध के बेटे का नाम क्या था- राहुल

·         ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ को क्या कहा गया- गौतम बुद्ध

·         जिस स्थान पर बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई वह स्थान क्या कहलाया- बोधगया

·         गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति किस रात्रि को हुई थी - वैशाख पूर्णिमा की रात्रि

·         बौद्ध धर्म को अपनाने वाली प्रथम महिला कौन थी- बुद्ध की माँ प्रजापति गौतमी

·         बुद्ध के दूसरे गुरु का क्या नाम था- रुद्रक

·         पाँच ब्राह्मणों को बुद्ध ने अपना शिष्य कहाँ बनाया था- उरुवेला में

·         बुद्धकाल में पत्थर का काम करने वाले क्या कहलाते थे- कोहक  बुद्ध का परिनिर्वाण स्थल कुशीनगर किस महाजनपद के अंदर आता था- मल्ल गणराज्य 

·         बुद्ध के पांच शिष्यों के नाम क्या थे- कौण्डिन्य, वप्पा, भादिया, अस्सागी और महानामा

·         बौद्ध साहित्य में प्रयुक्त संथागार शब्द का तात्पर्य क्या था- राज्य संचालन के लिये गठित परिषद

·         महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बिनी वन किस महाजनपद के अंतर्गत आती थी- कोशल महाजनपद

·         महात्मा बुद्ध ने किसकी प्रमाणिकता को नकार दिया था- वेदों को

·         सबसे अधिक संख्या में बुद्ध की मूर्तियों का निर्माण किस शैली में किया गया था- गांधार शैली

·         प्रथम बौद्ध संगीति कहाँ, कब, किसकी अध्यक्षता में हुई थी- राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में, 483 ई.पू.में, महाकस्सप की अध्यक्षता में हुई

·         प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किसके शासनकाल में हुआ था- अजातशत्रु (हर्यंक वंश) के शासनकाल में

·         प्रथम बौद्ध संगीति का उद्देश्य क्या था- बुद्ध के उपदेशों को दो पुटकों, विनय पिटक तथा सुत्तपिटक में संकलित करना

·         द्वितीय बौद्ध संगीति का उद्देश्य क्या था- अनुशासन को लेकर मतभेद के समाधान के लिये बौद्ध धर्म स्थापित

·         द्वितीय बौद्ध संगीति किसके शासनकाल में आयोजित हुई- कालाशोक (शिशुनाग वंश) के शासनकाल में

·         द्वितीय बौद्ध संगीति कहाँ, कब तथा किसकी अध्यक्षता में हुई थी- वैशाली में, (383 ई.पू.में, सर्वकामनी की अध्यक्षता में हुई)

·         तृतीय बौद्ध संगीति कहाँ, कब तथा किसकी अध्यक्षता में हुई- पाटलिपुत्र में, 251 ई.पू.में, मोग्गलिपुत्त तिस्स की अध्यक्षता में

·         तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किसके शासनकाल में हुआ था- सम्राट अशोक (मौर्य वंश) के शासनकाल में

·         चतुर्थ बौद्ध संगीति किसके शासनकाल में हुई- कनिष्क (कुषाण वंश) के शासनकाल में

·         चतुर्थ बौद्ध संगीति के उपाध्यक्ष कौन थे- अश्वघोष

·         चतुर्थ बौद्ध संगीति के आयोजन का उद्देश्य क्या था- बौद्ध धर्म का दो समप्रदायों में विभक्त होना हीनयान तथा महायान

·         चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन कहाँ, कब, किसकी अध्यक्षता में किया गया? - कश्मीर के कुंडलवन में, प्रथम ता. ई.में, वसुमित्र की अध्यक्षता में

·         महात्मा बुद्ध द्वारा दिया गया अंतिम उपदेश क्या था- सभी वस्तुएँ क्षरणशील होती हैं, अतः मनुष्य को अपना पथ-प्रदर्शक स्वयं होना चाहिए

बौद्ध धर्म के महत्‍वपूर्ण वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍न (bodh dharm mcq in hindi)

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1. भगवान बुद्ध का जन्म कहां हुआ था ?





2. महात्मा बुद्ध ने अपना प्रथम धर्मचक्रप्रवर्तन किस स्थान पर दिया था ?





3. ‘धर्मचक्रप्रवर्तन’ क्या है ?





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4. महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण कहां हुआ था?





5. भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित किस घटना को महापरिनिर्वाण कहा गया ?






6. भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित किस घटना को महाभिनिष्क्रमण कहा गया ?





7. भगवान बुद्ध द्वारा गृह त्याग की घटना को क्या कहा गया ?




8. गौतम बुद्ध को एक देवता का स्थान किस राजा के युग में प्राप्त हुआ ?




9. बोधगया में महाबोधि मंदिर बनाया गया जहां –




10. गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहां दिया था ?





11. गौतम बुद्ध को किस स्थान पे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी ?




12. गौतम बुद्ध ने प्रथम उपदेश किसे दिया था ?




13. महात्मा बुद्ध के घोड़ा का क्या नाम था ?




14. गौतम बुद्ध को निर्वाण किस पेड़ के नीचे मिला था ?




15. गौतम बुद्ध की मृत्यु कहां हुई थी ?





16. महात्मा बुद्ध को निर्वाण( ज्ञान प्राप्ति) किस नदी के किनारे मिला था ?




17. सिद्धार्थ के सारथी का क्या नाम था ?




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18. प्रथम बौद्ध संगति कब और कहां हुई थी ?




19. प्रथम बौद्ध संगति किसके शासनकाल में हुई थी ?




20. तृतीय बौद्ध संगति कब और कहां हुई थी ?





21. तृतीय बौद्ध सभा किसके शासनकाल में आयोजित की गई ?





22. बुद्ध ने अपने उपदेश किस भाषा में दिए ?





23. महात्मा बुद्ध द्वारा सर्वाधिक उपदेश किस नगर में दिया गया ?





24. बुद्ध ने कितने आर्य सत्यों का उपदेश दिया है ?





25. विश्व दुखों से भरा है का सिद्धांत बुद्ध ने कहा से लिया था ?





26. बौद्ध धर्म की प्रथम भिक्षुणी कौन बनी ?





27. एलोरा में गुफाएं और शैलकृत मंदिर है –




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28. महात्मा बुद्ध ने दुखों से मुक्ति के लिए कौन सा मार्ग बताया ?




29. प्रसिद्ध बौद्ध ग्रंथ 'बुद्ध चरित' किसकी रचना है ?




30. गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण कब हुआ ?






दोस्‍तों Studyfundaaa की इस पोस्‍ट के माध्‍यम से आपने बौद्ध धर्म | बौद्ध धर्म का परिचय | बौद्ध धर्म का सामान्‍य ज्ञान के बारे में जाना साथ ही baudh dharm ki sthapna kisne ki, bodh dharm in hindi, baudh dharm ke 4 arya satya kaun kaun se hain, baudh dharm ke astangik marg ke naam bataen, lumbini kahan sthit hai, bodhgaya kahan sthit hai, sarnath kahan sthit hai, kushinagar kahan hai, dikshabhumi kaha hai, baudh dharm ke anuyayi kaun the, baudh dharm ke anuyayi shasak, autam buddha ke pita ka naam, gautam buddha ke bachpan ka naam, gautam buddha ke putra ka naam, gautam buddha ke putra ka naam, gautam buddha ke updesh, gautam buddha ki patni ka naam, gautam buddha ki mata ka naam, gautam buddha ki mrityu kab hui, gautam buddha ka janam kab hua tha, important points about gautam Buddha, baudh dharm ki sthapna, buddha ka parichay, baudh dharm ke 4 arya satya in hindi, baudh dharm ke astangik marg, baudh dharm ke panchsheel, baudh dharm ke mukhya tirth, baudh dharm ke anuyayi, bodh dharm important facts in hindi, Bodh Dharm GK in hindi, bodh dharm mcq in hindiके बारे में भी जाना यदि आपको यह जानकारी अच्‍छी लगी हो तो जरूर इस जानकारी को अपने दोस्‍तों के साथ शेयर करना न भूले। और हां इस पोस्‍ट पर कमेंट (Comment) कर बताये यह पोस्‍ट आपको कैसी लगी ताकि हम अपनी ओर से आपको विभिन्‍न परीक्षाओं की तैयारी के लिये एक बेहतर जानकारी व महत्‍वपूर्ण तथ्‍य उपलब्‍ध करा सके।

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